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इस्लामिक स्टेट खुरासान ने काबुल हमले की ली जिम्मेदारी, हमलावर की तस्वीर भी की जारी

अमाक न्यूज एजेंसी के अनुसार इस्लामिक स्टेट का एक लड़ाका, अमेरिकी सैनिकों द्वारा खड़े किए गए सुरक्षा की किलेबंदी को भेदते हुए काबुल एयरपोर्ट के पास 'बारन कैंप' तक पहुंचने में कामयाब रहा और वहां पहुंचकर उसने अपने आप को विस्फोटक बेल्ट के माध्यम से उड़ा लिया.

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ISKP ने जारी की हमलावर की तस्वीर (फोटो- आजतक)
ISKP ने जारी की हमलावर की तस्वीर (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ISKP ने काबुल हवाई अड्डे पर हमले की ली जिम्मेदारी
  • आतंकी संगठन ने जारी की हमलावर की तस्वीर

इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने अधिकारिक रूप से दावा किया है कि काबुल हवाईअड्डे पर गुरुवार को हुए आत्मघाती हमलों में उनका ही हाथ है. इसके साथ ही उन्होंने एक तस्वीर भी जारी की है.

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बताया जा रहा है कि यह तस्वीर उस आत्मघाती हमलावर की है. जिसका नाम अब्दुल रहमान अल लोगहरि है और वह संभवत: लोगार प्रांत का रहने वाला था. आत्मघाती हमलावर की तस्वीर के साथ ही उन्होंने एक संदेश जारी किया है. जिसमें लिखा है काबुल एयरपोर्ट पर इस्लामिक स्टेट द्वारा किए गए शहादत के इस हमले में 160 अमेरिकी सैनिक और उनके सहयोगी मारे गए हैं और घायल हुए हैं. 

ISKP के इस संदेश के अनुसार इस हमले को करवाने में उसे स्थानीय लोगों से भी मदद मिली. 

अमाक न्यूज एजेंसी को आतंकी सूत्रों ने बताया कि इस्लामिक स्टेट का एक लड़ाका, अमेरिकी सैनिकों द्वारा खड़े किए गए सुरक्षा की किलेबंदी को भेदते हुए काबुल एयरपोर्ट के पास 'बारन कैंप' तक पहुंचने में कामयाब रहा और वहां पहुंचकर उसने अपने आप को विस्फोटक बेल्ट के माध्यम से उड़ा लिया. ये वह जगह है जहां पर अमेरिकी सैनिक और उनके सहयोगियों की भीड़ रहती थी. इस ब्लास्ट में 60 लोगों की जान गई हैं. जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इनमें कई तालिबानी भी हैं.  

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सूत्र ने यह भी खुलासा किया है कि हमलावर, अमेरिकी फोर्स से पांच मीटर की दूरी तक पहुंचने में कामयाब रहा. अमेरिकी फोर्स यहीं से कागजात जमा आदि कराने की प्रकिया की निगरानी करते थे. सैकड़ों ट्रांसलेटर्स और ठेकेदार उनतक कागजात लेकर आते थे. ये लोग उन विदेशी कर्मचारियों, ट्रांसलेटर्स और जासूसों को देश से निकालने की कोशिश कर रहे थे जो पिछले कई सालों से अमेरिकन आर्मी के लिए काम कर रहे थे. यह ठीक नहीं था. इस ब्लास्ट में अब तक 13 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है.  

बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को कहा था कि अफगानिस्तान की राजधानी आइसिस-के से निरंतर निकासी के लिए एक तीव्र और लगातार खतरा है, जिसका नाम खोरासान है जो ईरान से पश्चिमी हिमालय तक फैली भूमि के लिए मुस्लिम शाही शासकों की एक श्रृंखला द्वारा इस्तेमाल किया गया है.

और पढ़ें- अफगानिस्तान में अब भी 140 सिख और हिंदू फंसे, 20 भारतीय नागरिक भी आना चाहते हैं वापस

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल में अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार तड़के एक अलर्ट भेजा था, जिसमें अमेरिकी नागरिकों से कहा गया था कि वे हवाईअड्डे की यात्रा न करें, क्योंकि वहां खतरा है. वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी तार को बताया कि चेतावनी संभावित वाहन बमों से जुड़े विशिष्ट खतरों से संबंधित थी.

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बयान में कहा गया, काबुल हवाईअड्डे के द्वार के बाहर सुरक्षा खतरों के कारण, हम अमेरिकी नागरिकों को हवाईअड्डे की यात्रा से बचने और इस समय हवाईअड्डे के फाटकों से बचने की सलाह दे रहे हैं, जब तक कि आपको ऐसा करने के लिए अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि से व्यक्तिगत निर्देश नहीं मिलते. इसमें कहा गया था, अमेरिकी नागरिक जो एबी गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर हैं, उन्हें अब तुरंत निकल जाना चाहिए.

 

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