इस्लाम के पवित्र महीने रमजान को देखते हुए इजरायल और फिलिस्तीन के अधिकारियों ने वेस्ट बैंक में चल रही हिंसा को कम कर शांति बहाली के लिए बातचीत की है. मिस्र के शर्म अल-शेख शहर के एक रिजॉर्ट में दोनों पक्षों के बीच मिस्र, अमेरिका और जॉर्डन ने सहमति बनाने की कोशिश की. मेजबान मिस्र के विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद एक बयान जारी कर कहा कि इस बैठक का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच शांति बहाल करना है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि शर्म अल-शेख में बैठक का उद्देश्य 'फिलिस्तीनी और इजरायली पक्षों के बीच एकतरफा कार्रवाई को रोकने, हिंसा के मौजूदा चक्र को तोड़ने और शांति बहाली के लिए बातचीत का समर्थन करना है.'
मंत्रालय ने कहा कि यह बैठक शांति प्रक्रिया की बहाली के लिए उपयुक्त माहौल तैयार कर सकती है.
इससे पहले भी अमेरिका ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति बहाली के उद्देश्य से एक सम्मेलन बुलाया था. 26 फरवरी को जॉर्डन में बुलाया गया यह सम्मेलन अपने तरह का पहला सम्मेलन था जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव को कम करने का संकल्प लिया गया. हालांकि, इसके बाद भी इजरायल फिलिस्तीन के बीच जमीन पर हिंसा जारी है.
फिलिस्तीनी चाहते हैं एक अलग देश
फिलिस्तीनियों का लक्ष्य वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में पूर्वी यरुशलम के साथ एक स्वतंत्र देश की स्थापना करना है. फिलिस्तीन पूर्वी यरुशलम को अपने स्वतंत्र देश की राजधानी बनाना चाहता है जिस पर 1967 के युद्ध में इजरायल ने कब्जा कर लिया था.
दोनों पक्षों के बीच साल 2014 से शांति वार्ता रुकी हुई है और फिलिस्तीनियों का कहना है कि उनके इलाके में इजरायल यहूदी बस्तियों का विस्तार कर रहा है. उनकी शिकायत है कि इजरायल ऐसा करके स्वतंत्र देश की उनकी मांग को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.
अल-अक्सा मस्जिद दोनों पक्षों के बीच विवाद का केंद्र
रमजान के दौरान फिलिस्तीनी मुसलमानों के लिए पवित्र यरूशलम की अल अक्सा मस्जिद के आसपास इजरायली पुलिस और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसा देखने को मिलती रही है. साल 2022 में रमजान के महीने में हुई हिंसा में 67 फिलिस्तीनी जख्मी हुए थे.
मुसलमानों के लिए तीसरे सबसे पवित्र स्थल अल अक्सा पर इजरायल अपना अधिकार मानता है और वहां फिलिस्तीनियों के प्रवेश की अनुमति नहीं है. हालांकि, रमजान के मौके पर इजरायल ने प्रतिबंध हटाए थे और उसी दौरान पिछले साल हिंसा हुई. अल अक्सा मस्जिद यहूदियों के लिए भी एक पवित्र स्थल है और इसी कारण यहूदी बहुल इजरायल और मुस्लिम बहुल फिलिस्तीन के बीच इसे लेकर दशकों से संघर्ष होता आया है.