बारूद के ढेर पर बैठा मिडिल ईस्ट इस समय भारी उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रहा है. हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के खात्मे के बाद भड़के ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक की. इजरायल ने जवाब में दक्षिणी लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन की रफ्तार बढ़ा दी है. लेकिन इन घटनाक्रमों के बीच इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को Persona Non Granta बताते हुए देश में उनकी एंट्री बैन कर दी. सवाल है क्यों?
पहले समझ लेते हैं कि Persona Non Granta का मतलब क्या है. इसका मतलब है कि ऐसा शख्स जो गैरजरूरी है, जिसकी मौजूदगी से कोई फर्क नहीं पड़ता और नेतन्याहू उन्हें इजरायली धरती पर कदम रखने लायक नहीं समझते. इजरायल ने गुटेरेस को इसी श्रेणी में रखते हुए उनकी एंट्री यहूदी मुल्क में बैन कर दी है.
इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि आज, मैं इजरायल में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को perona non granta घोषित करता हूं और इजरायल में उनकी एंट्री पर प्रतिबंध का भी ऐलान करता हूं. उन्होंने इजरायल पर ईरान के जघन्य हमले की उस तरह से निंदा नहीं की है, जिस तरह से इस दुनिया के लगभग हर देश ने की है. वह इजरायली धरती पर कदम रखने लायक नहीं हैं.
क्या इजरायल से नफरत करते हैं गुटेरेस?
इजरायली विदेश मंत्री काट्ज ने यूएन चीफ पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह इजरायल से नफरत करने वाले यूएन चीफ हैं. वह आतंकियों, बलात्कारियों और हत्यारों को समर्थन देते हैं. गुटेरेस को संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक दाग के रूप में याद रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि गुटेरेस एक ऐसे यूएन चीफ हैं, जिन्होंने सात अक्टूबर को हमास के हत्यारों द्वारा किए गए नरसंहार और यौन अत्याचारों की निंदा नहीं की है और न ही उन्होंने उन्हें आतंकवादी संगठन घोषित करने के किसी प्रयास का नेतृत्व किया है. एक महासचिव जो हमास, हिज्बुल्लाह, हूती और अब ईरान के आतंकियों, बलात्कारियों और हत्यारों का समर्थन करते हैं, उन्हें संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक दाग के रूप में याद किया जाएगा. इजरायल अपने नागरिकों की रक्षा करना और अपनी राष्ट्रीय गरिमा को बनाए रखना जारी रखेगा, चाहे एंटोनियो गुटेरेस हों या न हों.
लेकिन इजरायल के इन दावों में सच्चाई कितनी है? इजरायल पर ईरान की ओर से मिसाइल दागने के बाद देर से ही सही गुटेरेस ने सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी कड़ी निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि ईरान ने इजरायल की ओर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं. इस वजह से इजरायल और फिलिस्तीनी क्षेत्र के लाखों लोगों को सुरक्षित शेल्टर्स में शरण लेनी पड़ी. जिस तरह से मैंने अप्रैल में ईरान के हमले की निंदा की थी. मैं उसी तरह से इजरायल पर ईरान के इस हमले की भी कड़ी निंदा करता हूं.
फिर गुटेरेस से इजरायल को दिक्कत क्या है?
नेतन्याहू की समस्या ये नहीं है कि गुटेरेस ने ईरान के हमले की निंदा नहीं की बल्कि फिलिस्तीन को लेकर उनके रुख से इजरायल को दिक्कत है. संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीन में फिलिस्तीनियों के हितों की बात करता रहा है. यूएन और गुटेरेस ने कई बार इजरायल पर यहां मानवीय मदद पहुंचाने का दबाव बनाया है. उनका यही रुख इजरायल को हजम नहीं होता.