अमेरिका के साथ अपनी दोस्ती की मिसालें देने वाला इजरायल इन दिनों US से नाराज चल रहा है. यह नाराजगी किसी और बात के लिए नहीं, बल्कि गाजा में युद्धविराम को लेकर UNSC में आए प्रस्ताव को वीटो ना करने के लिए है. इस घटना के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा है कि US ने UNSC में आज अपनी नीति को त्याग दिया है.
नेतन्याहू ने आगे कहा,'कुछ दिन पहले अमेरिका ने सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसमें युद्धविराम के आह्वान को बंधकों की रिहाई के साथ जोड़ा गया था. चीन और रूस ने उस प्रस्ताव को आंशिक रूप से वीटो कर दिया था, क्योंकि उन्होंने इसका विरोध किया था. एक ऐसा युद्धविराम, जो बंधकों की रिहाई से जुड़ा था. फिर भी आज रूस और चीन नए प्रस्ताव के समर्थन में अल्जीरिया और अन्य देशों के साथ शामिल हो गए, क्योंकि इससे उनका कोई संबंध नहीं था. लेकिन अफसोस की बात है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने नए प्रस्ताव को वीटो नहीं किया. ये प्रस्ताव एक ऐसे युद्धविराम का आह्वान करता है, जिसे बंधकों की रिहाई से कोई मतलब नहीं है.'
बंधकों की रिहाई पर इजरायल का जोर
इजरायल ने अमेरिका के मतदान से दूर रहने को गलत बताया और कहा,'इस स्थिति के बाद अब हमास को उम्मीद होगी कि वह अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर इजरायल के बंधकों की रिहाई के बिना युद्धविराम स्वीकार करने के लिए मजबूर करेगा. इससे बंधकों को रिहा करने के प्रयास को नुकसान पहुंचेगा.'
UNSC प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 14 वोट
दरअसल, गाजा में युद्धविराम को लेकर यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में प्रस्ताव पारित हो गया है. अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया, लेकिन इसके पक्ष में 14 वोट पड़े हैं. यूएनएससी के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस प्रस्ताव को अवश्य ही लागू किया जाना चाहिए.
अमेरिका ने प्रस्ताव पर नहीं किया मतदान
अमेरिका लगातार गाजा में बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग कर रहा है. अमेरिका ने भी इससे पहले सिक्योरिटी काउंसिल में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे रूस और चीन ने वीटो कर दिया था. उस प्रस्ताव में 'तत्काल और निरंतर संघर्ष विराम' की मांग की गई थी.