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Israel-Hamas War: गाजा के पीड़ितों के लिए खुले मदद के दरवाजे, अमेरिका के प्रस्ताव पर इजरायल ने रखी ये शर्तें

Israel-Hamas War: युद्ध में बारह दिन के भीतर इजरायल और गाजा के साढ़े चार हजार से ज्यादा नागरिकों की मौत हो चुकी है. गाजा के अस्पताल में हुए रॉकेट अटैक में पांच सौ मौतों पर बाइडेन ने इजरायल पहुंचकर सीधे नेतन्याहू के देश को क्लीनचिट देेते हुए कह दिया है कि ISIS से भी बदतर हमास के खिलाफ इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा हक है.

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गाजा पट्टी में पीड़ितों के पास खाना और पानी तक नहीं है
गाजा पट्टी में पीड़ितों के पास खाना और पानी तक नहीं है

Israel-Hamas War: सिर्फ 4 घंटों के इजरायल आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को कई बड़ी बातें कहीं. सबसे बड़ा बयान उन्होंने इजरायल के दुश्मनों को दिया कि इजरायल अकेला नहीं है, अमेरिका उसके साथ खड़ा है. गाजा के अस्पताल में हुए रॉकेट अटैक में 500 मौतों पर बाइडेन ने इजरायल को क्लीनचिट देते हुए कह दिया है कि ISIS से भी बदतर हमास के खिलाफ इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा हक है. साथ ही अमेरिका ने हमास पर प्रतिबंध लगा दिया. 

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इस बीच बाइडेन के आह्वान पर इजरायल ने मिस्र को गाजा पट्टी में सीमित मात्रा में मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देने की घोषणा कर दी है. वहीं गाजा के पीड़ितों के लिए मदद का ऐलान भी अमेरिका की तरफ से किया गया है. लेकिन अमेरिका के इस प्रस्ताव पर इजारयल ने तीन शर्तें रख दी हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से जानकारी दी गई कि उन्होंने गाजा और वेस्ट बैंक में मानवीय सहायता के लिए $100 मिलियन की घोषणा की है. इस फंड से 10 लाख से अधिक विस्थापित और संघर्ष प्रभावित फिलिस्तीनियों को मदद मिलेगी. बाइडेन ने कहा कि हमारे पास ऐसे तंत्र होंगे ताकि यह सहायता जरूरतमंदों तक पहुंचे- हमास या आतंकवादी समूहों तक नहीं.

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उधर, इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी बयान जारी करते हुए अमेरिकी मदद पर कुछ शर्तें रख दीं. इजरायल की तरफ से कहा गया कि युद्ध प्रयासों के लिए व्यापक और महत्वपूर्ण अमेरिकी समर्थन के साथ-साथ बुनियादी मानवीय सहायता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के अनुरोध पर सुव्यवस्थित सुरक्षा मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया:

1. जब तक हमारे बंदी वापस नहीं आ जाते, इजरायल अपने क्षेत्र से गाजा पट्टी तक किसी भी मानवीय सहायता की अनुमति नहीं देगा.

2. इजरायल हमारे बंदियों के साथ रेड क्रॉस के दौरे की मांग करता है और इस मांग के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए काम कर रहा है.

3. राष्ट्रपति बाइडेन के अनुरोध पर इजराइल मिस्र से मानवीय सहायता को तब तक नहीं रोकेगा जब तक कि यह केवल दक्षिणी गाजा पट्टी में स्थित नागरिक आबादी के लिए भोजन, पानी और दवा है. साथ ही जब तक ये आपूर्ति हमास तक नहीं पहुंचती. हमास तक पहुंचने वाली किसी भी आपूर्ति को रोक दिया जाएगा.

यूएनएससी के प्रस्ताव अमेरिका का वीटो

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को ब्राजील के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. इस प्रस्ताव में इजरायल के खिलाफ हिंसा की निंदा की गई थी. साथ ही गाजा में फलस्तीनियों को मानवीय सहायता देने का आग्रह किया गया था. हालांकि इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो कर दिया. 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में मतदान के दौरान प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े. वहीं, रूस और ब्रिटेन इस दौरान अनुपस्थित रहे. अमेरिका ने प्रस्ताव के खिलाफ वीटो कर कर दिया.  

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इजरायल का बड़ा मददगार रहा है अमेरिका

इजरायल के मददगार देशों की फेहरिस्त काफी लंबी है. न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से बल्कि फाइनेंशियल स्तर पर भी इजरायल को कई देशों का समर्थन प्राप्त है. अमेरिका के अलावा इजरायल के सबसे बड़े मददगार देशों में फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली का नाम शामिल है. अमेरिका ने इजरायल को साल 1948 में एक अलग यहूदी देश बनाने के लिए मदद का भरोसा दिया था. इसके अलावा इजराइल को अमेरिका मध्य पूर्व में एक महत्वपूर्ण सहयोगी की तरह देखता है. इसके लिए US की ओर से इजरायल को हर तरह से मदद दी जाती है. आर्थिक स्तर पर मदद की बात करें तो U.S. Foreign Aid to Israel की रिपोर्ट बताती है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से इजरायल अमेरिकी सहायता प्राप्त करने वाले देशों में सबसे ऊपर है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका 1948 से अब तक इजरायल को 158 अरब डॉलर की मदद दे चुका है.

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ईरान का इजरायल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बाइडेन से साफ कह दिया है कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जो संभव होगा वो करेंगे. दूसरी तरफ इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी की इमरजेंसी बैठक में ईरान भड़का हुआ नजर आया. ईरान ने इस्लामिक देशों से इजरायल को तेल सप्लाई बंद करने, संबंध तोड़ने, इजरायल के राजदूत को अरब देशों से हटाने का प्रस्ताव दिया. वहीं अमेरिका ने अपने नागरिकों को लेबनान जाने से रोक दिया है. 

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बिजली, पानी, ईंधन और खाने की सप्लाई पर रोक 

बता दें कि हमास द्वारा इजरायल पर किए गए रॉकेट हमले के बाद इजरायल ने युद्ध की स्थिति की घोषणा' कर हमास के खिलाफ ऑपरेशन 'आयरन स्वोर्ड्स' चला रहा है. इजरायली सेना गाजा पट्टी और हमास के ठिकानों पर लगातार बम बरसा रही है. इजरायल ने गाजा पट्टी की बिजली, पानी, ईंधन और खाने की सप्लाई रोक दी है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उनकी नजर में ये हालात बेहद खतरनाक हैं. पूरे गाजा में बिजली और पानी का संकट बेदह गंभीर है. गाजा में पचास हजार महिलाओं तक स्वास्थ्य सेवाओं और साफ पानी तक की पहुंच नहीं है.

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