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इजरायली जंग के बीच गाजा में अकाल का खतरा गहराता जा रहा है. अस्पतालों में कुपोषण और इसकी वजह से बीमार पड़े बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती कराए जा रहे हैं. सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस तरह बच्चों के शरीर सूख गए हैं और हड्डियां नजर आ रही है. इजरायली सेना इन दिनों रफाह में हवाई और जमीनी हमले कर रही है.
रफाह स्थित अल-अवदा अस्पताल की एक नर्स ने बताया कि बड़ी संख्या में कुपोषण और कई तरह की बीमारियों से पीड़ित बच्चे एडमिट कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कुपोषण की समस्या और गहरा सकती है. अस्पातल में भर्ती एक बच्चे के परिवार की मानें तो उनके बच्चे का वजन जहां युद्ध से पहले 12 किलोग्राम हुआ करता था वो घटकर अब 6 किलोग्राम पर आ गया है.
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यूनाइटेड नेशन ने बताया 'पोषण संकट'
गाजा में इजरायल का युद्ध करीब पांच महीने से चल रहा है और उसकी सेना लगातार ग्राउंड और जमीनी हमले कर रही है. इससे लाखों की संख्या में लोगों को बेघर होना पड़ा है, उन्हें खाने-पीने की किल्लत हो रही है - जिसे यूनाइटेड नेशन ने पोषण संकट करार दिया है.
कुपोषण से 15 बच्चों की मौत
गाजा के स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को बताया कि कुपोषण का शिकार कम से कम 15 बच्चों की उत्तरी गाजा के बेत लहिया स्थित कमाल अदवन अस्पताल मौत हो चुकी है. उत्तरी गाजा में खाने-पीने की किल्लत सबसे ज्यादा है, और इजरायली ड्रोन-मिसाइल हमले की वजह से यहां खाना-पानी नहीं पहुंच पा रहा है.
आलोचना के साथ हथियार दे रहा अमेरिका
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो कुपोषण से मरने वालों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. बिगड़ते भुख संकट से विश्व मंच पर इजरायल की आलोचना भी हो रही है. अमेरिका की तरफ से इजरायल की आलोचना होती है लेकिन वो इजरायल के कट्टर समर्थक है, और उन्हें युद्ध के बीच हथियारों की सप्लाई कर रहा है.
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अस्पतालों में नवजात तोड़ रहे दम
एक ऐसी भयावह तस्वीर भी सामने आई जिसमें एक मां को अपने बच्चे के शव को प्यार करते और रोते देखा गया. एक डॉक्टर ने बताया कि बच्चों में मरने वाले ज्यादातर नवजात हैं, जिनकी माएं पहले से कुपोषित हैं. वे अपने बच्चों को दूध नहीं पिला पा रही हैं और फॉर्मूला दूध नहीं होने की वजह से स्थिति और बिगड़ी है और नवजात दम तोड़ रहे हैं.
गाजा में फूड का ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित
1 मार्च को अपनी एक रिपोर्ट में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली यूनाइटेड नेशन की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा कि जहां 500 ट्रकें रोजाना गाजा भेजे जाने का प्लान था, जनवरी में 150 ट्रकें गाजा भेजी जा रही थी, वो फरवरी में गिरकर 90 पर आ गई है. यूएन की मानें तो अगर हालात नहीं सुधरे तो आने वाले समय में यहां अकाल पड़ सकता है.
मसलन, प्रति दिन के हिसाब से गाजा में खाना-पानी का ट्रांसपोर्टेशन कम हो गया है. यूएन ने इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है, जिसकी वजह से क्रॉसिंग बंद है, सैन्य ऑपरेशन चल रहा है और गाजा भेजे जाने वाले सामानों की इजरायली सेना द्वारा गहन जांच की जाती है, जिससे ट्रांसपोर्टेशन प्राभिवत होता है.