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जहां से एंटी-टैंक मिसाइल निकले, वहीं गिराओ बम... हिज्बुल्ला को कुचलने का इजरायल का TIT FOR TAT प्लान

इजरायल और हमास के बीच जबसे युद्ध शुरू हुआ, लेबनान का संगठन हिजबुल्ला भी इसमें शामिल हो गया. वह कई बार इजरायली सैन्य ठिकानों पर हमला कर चुका है. हिजबुल्ला के साथ संघर्ष में 5 इजरायली सैनिकों की मौत हो चुकी है, इसमें उसके 13 लड़ाके मारे जा चुके हैं.

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हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायल का अटैक (फोटो- रॉयटर्स)
हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायल का अटैक (फोटो- रॉयटर्स)

इजरायल और हमास के बीच बीते 12 दिनों से युद्ध जारी है. इस दौरान लेबनान का संगठन हिज्बुल्ला भी इजरायल पर एंटी-टैंक मिसाइलें छोड़ रहा है. लेबनान की ओर से हिज्बुल्ला के लड़ाकों ने बुधवार को भी गोलीबारी की थी. इसके जवाब में इजरायली सेना ने जैसे को तैसा की तर्ज पर जवाब देते हुए हिज्बुल्ला के सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया.  

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आईडीएफ की ओर से बताया गया कि बीते कुछ घंटों में, आईडीएफ ने लेबनान की सीमा पर हिज्बुल्ला से संबंधित ठिकानों पर हमला किया. इजरायली सेना के मुताबिक, लेबनान सीमा से सटे रोश हानिकरा से एंटी-टैंक मिसाइलें दागी गईं, उन्हीं जगहों पर टारगेट किया गया है.  

'द येरुशलम पोस्ट' के मुताबिक, हिज्बुल्ला ने इस बात को स्वीकार किया है कि बुधवार को साउथ लेबनान में इजरायल की एयरस्ट्राइक में संगठन के दो सदस्य भी मारे गए.  

इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका ने कहा है आईडीएफ को तीसरे मोर्चे पर युद्ध शुरू नहीं करना चाहिए. अमेरिका ने इजरायल से हिज्बुल्ला के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू नहीं करने की अपील की है. यूएस की ओर से कहा गया है कि वो अभी युद्ध को गाजा से आगे बढ़ने से रोकने के लिए काम कर रहा है.  

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टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, अमेरिका लगातार हिज्बुल्ला और ईरान को इजरायल की उत्तरी सीमा पर युद्ध शुरू नहीं करने की चेतावनी देता रहा है. अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ने इजराइल को हिज्बुल्ला की गोलीबारी पर अपनी सैन्य प्रतिक्रिया में सावधान रहने की चेतावनी दी है क्योंकि लेबनान में आईडीएफ की एक गलती बहुत बड़े युद्ध को जन्म दे सकती है.  

बाइडेन प्रशासन ने हाल के दिनों में इजरायल को संकेत दिए हैं कि अगर हिज्बुल्ला इजरायल के खिलाफ युद्ध शुरू करता है तो अमेरिकी सेना आतंकवादी समूह से लड़ने में आईडीएफ में शामिल हो जाएगी. इजरायल विरोधियों को रोकने के लिए पेंटागन ने पहले ही इजरायल के पास पूर्वी भूमध्य सागर में विमान वाहक स्ट्राइक समूहों की एक जोड़ी भेज दी है. 

इजरायल के ठिकानों पर हिज्बुल्ला कर रहा अटैक  

इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमास हमले के बाद से हिज्बुल्ला ने इजरायली सैन्य ठिकानों और इजरायली शहरों पर दर्जनों एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, रॉकेट और मोर्टार दागे हैं. इसके अलावा कई लड़ाकों को इजरायल में घुसपैठ करने के लिए भी भेजा है. उत्तरी इजरायल में कई ड्रोन भी पकड़े गए हैं. 

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हिज्बुल्ला के साथ संघर्ष में 5 इजरायली सैनिकों की मौत 

हिज्बुल्ला के साथ संघर्ष में कम से कम 5 इजरायली सैनिक, 13 हिजबुल्लाह लड़ाके और अन्य समूहों के पांच फिलिस्तीनी मारे गए हैं. रविवार को हिज्बुल्ला के हमले में एक इजरायली नागरिक की मौत हो गई और इजरायली गोलाबारी में दो लेबनानी नागरिकों और एक पत्रकार के भी मारे जाने की खबर है.  

गाजा में मानवीय सहायता पर बाइडेन ने क्या कहा? 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी गाजा में 20 ट्रकों की सहायता भेजने के लिए सहमत हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इसमें करीब आठ घंटे समय लग सकता है. यह हम दोनों के बीच स्पष्ट बातचीत हुई है और इसलिए हम जितने संभव हो सकें उतने ट्रकों को भेजना चाहते हैं. मेरा अनुमान है कि 150 या उसके आसपास. इस मानवीय सहायता को संयुक्त राष्ट्र वितरित करेगा, लेकिन मुद्दा ये है कि अगर हमास इसे जब्त कर लेता है या इसे पार नहीं होने देता है तो फिर हम कोई मदद नहीं भेजेंगे क्योंकि हम हमास को कोई मानवीय सहायता नहीं भेज रहे हैं. यही वह प्रतिबद्धता है जो मैंने की है. 

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व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान 

व्हाइट हाउस ने दोनों नेताओं के बीच फोन कॉल के बारे में बताते हुए कहा, बाइडेन और अल-सीसी ने गाजा को मानवीय सहायता देने के लिए चल रहे समन्वय और नागरिकों को मदद बांटने के लिए तंत्र पर चर्चा की.  

व्हाइट हाउस ने कहा, “दोनों नेता संयुक्त राष्ट्र की मानवीय अपील पर तत्काल और मजबूत अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए. वे मध्य पूर्व में स्थिरता बनाए रखने, संघर्ष को बढ़ने से रोकने और क्षेत्र में टिकाऊ, स्थायी शांति के लिए परिस्थितियों को निर्धारित करने की आवश्यकता पर सहमत हुए." 

राष्ट्रपति से इजरायल से वापस जाते समय इजरायली सेना द्वारा गाजा पर जमीनी आक्रमण शुरू करने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया था, जिसके बारे में उन्होंने कहा, “हमने इस बारे में लंबी बात की और क्या विकल्प हैं. हमारी सेना अपनी सेना के साथ इस बारे में बात कर रही है कि विकल्प क्या हैं, लेकिन मैं उस पर भी नहीं जा रहा हूं.”  

बाइडेन आज अमेरिका को संबोधित करेंगे 

व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन आज रात 8 बजे अमेरिकी जनता को संबोधित करेंगे. वह हमास के आतंकी हमलों और यूक्रेन पर रूस के हमले पर वाशिंगटन की प्रतिक्रिया के बारे में बताएंगे. 

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यह इजरायल-हमास युद्ध पर बाइडेन द्वारा दिया गया तीसरा भाषण होगा. हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1300 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश नागरिक थे और कम से कम 200 लोगों को बंदी बना लिया गया था.  

अमेरिका में यहूदी प्रदर्शनकारी गिरफ्तार 

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में इजरायल-हमास के बीच सीजफायर की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे यहूदी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन ज्यूइश वॉयस फॉर पीस का कहना है कि बुधवार को वाशिंगटन डीसी में 'इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों पर जारी उत्पीड़न' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.   

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इजरायल को हमास से रक्षा करने का अधिकार: अमेरिका  

इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि उन्होंने जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है. उन्होंने कहा, "मैंने हमास के आतंकवादी हमलों के खिलाफ अपनी रक्षा करने के इजरायल के अधिकार को बताया." ब्लिंकन ने कहा, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि मानवीय सहायता नागरिकों तक पहुंचे और सभी बंधकों को रिहा किया जाए.  

ब्रिटिश पीएम सुनक आज इजरायल पहुंचेंगे  

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इजरायल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए आज सुबह 9 बजे इजरायल पहुंचकर पीएम नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे. ब्रिटिश पीएमओ के बयान के मुताबिक, सुनक इजरायल पर हमास के आतंकवादी हमले की निंदा करेंगे. इसके अलावा बीते दो हफ्तों से चल रहे युद्ध में जान गंवाने वाले लोगों के लिए संवेदना व्यक्त करेंगे. 

ब्रिटिश पीएमओ के बयान के अनुसार, सुनक इस बात पर भी जोर देंगे कि किसी भी नागरिक की मौत एक त्रासदी है. वह साथी नेताओं से कहेंगे कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में हमास के बर्बर आतंकवाद को क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक नहीं बनने देना चाहिए. 

ऋषि सुनक ने गाजा के अस्पताल पर हुए हमले को क्षेत्र और दुनियाभर के नेताओं के लिए संघर्ष को अधिक खतरनाक रूप से बढ़ने से रोकने के लिए एक साथ आने का महत्वपूर्ण क्षण बताया. इजरायल की अपनी यात्रा पर सुनक गाजा में मानवीय गलियारे को जल्द से जल्द खोलने पर जोर देंगे. 

इस बयान के मुताबिक, जब ऋषि सुनक इजरायल में होंगे, उसी समय विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली मिस्र, तुर्की और कतर में रहेंगे. इसके अलावा रक्षा मंत्री ग्रांट शॉप्स ने बुधवार को वाशिंगटन में अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की थी.  

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जापान PM ने अरब नेताओं से की बात 

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात की है. जापानी मीडिया के मुताबिक, किशिदा ने सऊदी प्रिंस के साथ गाजा के अल-अहली अस्पताल पर हुए हमले को लेकर संवेदना व्यक्त की है. इसके अलावा उन्होंने फिलिस्तीनी क्षेत्र में बेहतर मानवीय स्थिति की अपील की है. इसके लिए जापान पीएम ने 10 मिलियन डॉलर की मदद का ऐलान किया है. 
इसके अलावा पीएम किशिदा ने इजरायल में हमास के घातक हमले की भी "कड़ी निंदा" की है. फुमियो किशिदा ने शांति प्रयासों में टोक्यो के सहयोग को व्यक्त करने के लिए कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ कई फोन कॉल भी कीं. 

यूएनएससी के प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को ब्राजील के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. इस प्रस्ताव में इजरायल के खिलाफ हिंसा की निंदा की गई थी. साथ ही गाजा में फलस्तीनियों को मानवीय सहायता देने का आग्रह किया गया था. हालांकि इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो कर दिया. 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में मतदान के दौरान प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े. वहीं, रूस और ब्रिटेन इस दौरान अनुपस्थित रहे. अमेरिका ने प्रस्ताव के खिलाफ वीटो कर कर दिया.  

संयुक्त राष्ट्र में क्या बोले फिलिस्तीन राजदूत? 

संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय कानून में नरसंहार करने का कोई अधिकार नहीं है. इजरायल हर दिन गाजा में नरसंहार कर रहा है. अब 10 दिनों से अधिक समय से आपने इसे परिवारों, बम शेल्टर्स, स्कूल, अस्पताल और रेजिडेंशियल ब्लिडिंग्स को मारते हुए देखा है."  

फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा, आप सभी कहेंगे कि नागरिक जीवन की रक्षा की जानी चाहिए, इसके बाद भी आप में से कुछ तत्काल सीजफायर की अपील करने में असमर्थ हैं.   

उन्होंने कहा, कुछ देशों के लिए सैकड़ों फिलिस्तीनी लोगों की जान बचाना इतना महत्वपूर्ण उद्देश्य नहीं है, लेकिन क्या आप आश्वस्त हैं कि यदि आप कार्रवाई करेंगे तो फिलीस्तीनी बचेंगे? हमने महीनों पहले इन काउंसिल से कहा था, सभी जिंदगियों को बचाने के लिए कार्य करें. तब आपने हमारी बात नहीं सुनी. अब वही गलती मत करना. यह उस तरह का युद्ध है जहां आप जानते हैं कि यह कैसे शुरू होता है और अब तक पता नहीं है कि इसका अंत कैसे होगा. इसे रोका जा सकता है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. अब और देरी एक जोखिम है जिसे किसी को नहीं उठाना चाहिए."
 

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