इजरायल की सेना हमास के हमले का मुंहतोड़ जवाब दे रही है. इस जंग में बड़ी संख्या में देश इजरायल के समर्थन में आगे आए हैं. इजरायल का समर्थन करने वाले देशों में नीदरलैंड्स भी है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोमवार को येरूशलम में नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रूट से मुलाकात की.
इस दौरान इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा कि नीदरलैंड्स, इजरायल का बेहतरीन दोस्त रहा है. यह युद्ध बर्बरता और सभ्यता के बीच है. हमास आईएसआईएस है और जैसे पूरी दुनिया आईएसआईएस को हराने के लिए एकजुट हुई थी. ठीक उसी तरह हमास को हराने और इजरायल के साथ खड़े होने के लिए एक बार फिर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा.
यह जंग बर्बरता के खिलाफ सभ्यता की...
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आप समझते हैं कि यह बर्बरता के खिलाफ सभ्यता की लड़ाई है. मैंने पहले भी कई युद्ध देखे हैं. मैंने भयावह से भयावह चीजें देखी हैं. लेकिन मैंने कभी इससे भयावह चीज नहीं देखी. यह युद्ध हमारे साझा सभ्यता का है.
नेतन्याहू के इस बयान पर डच पीएम ने कहा कि मुझे यहां आकर अच्छा लगा. आप लोग जिस मुस्तैदी से जंग में डटे हुए हैं, उसके प्रति हमारा सम्मान है.
बता दें कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध का सोमवार को 17वां दिन है. बीते सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आर्म्स ग्रुप हमास ने गाजा पट्टी से रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी थी. ये हमले इजरायल पर किए गए थे. हमास ने हमलों की जिम्मेदारी ली और इसे इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बताया. हमास ने गाजा पट्टी से करीब 20 मिनट में 5,000 रॉकेट दागे थे. इतना ही नहीं, इजरायल में घुसपैठ की और कुछ सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया था. इस जंग में दोनों ओर से सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई है.
इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी पर लगातार बमबारी की जा रही है. वहीं, फिलिस्तीन में हमास के लड़ाके भी शांत नहीं पड़े हैं. वो इजरायल पर अभी भी तीन मोर्चे से अटैक कर रहे हैं. लेबनान, समंदर से सटे इलाके और इजिप्ट से सटे साउथ गाजा से रॉकेट और मिसाइलें दागी जा रही हैं. गुरुवार को सेंट्रल इजरायल के वेस्ट बैंक की तरफ भी रॉकेट दागे गए हैं.
सात अक्टूबर को शुरू हुए इस युद्ध के बाद अब तक सात दिनों के भीतर गाजा में 30 हजार से ज्यादा इमारतें तबाह हो गई हैं. बड़ी संख्या में अस्पतालों और स्कूलों पर इजरायल ने बमबारी की है. गाजा में अब तक मरने वालों की संख्या लगभग 4000 बताई जा रही है. इनमें 800 से अधिक बच्चे शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गाजा में तीन लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.