
हमास और इजरायल के बीच 7 अक्टूबर से जंग जारी है. इसमें दोनों ओर से हजारों लोगों की जान जा चुकी है. दो धड़ों के बीच हो रही ये लड़ाई अब विस्तार ले चुकी है. एक ओर जहां अमेरिका इजरायल के समर्थन में खुलकर सामने आ गया है, वहीं हमास ने रूस से कॉन्टेक्ट किया है. इस दौरान 200 से ज्यादा इजरायली बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत हुई है. वहीं, गाजा और इजरायल युद्ध किसी भी वक्त दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता हैं, क्योंकि अब जंग में दुनिया की 2 महाशक्ति करीब-करीब सीधे कूद पड़ी हैं. ये हैं अमेरिका और रूस. इन दोनों देशों के प्रमुखों के बयान और एक्शन ने कोल्ड वॉर वाले दौर की यादें ताजा कर दी हैं.
यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस का रुख बहुत आक्रामक था, लेकिन गाजा युद्ध में बाइडेन का रूख बहुत सख्त है. अमेरिका ने भूमध्यसागर में इजरायल की मदद के लिए दो युद्धपोत तैनात किए तो रूस ने ब्लैक SEA में विध्वंसक मिसाइल से लैस लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी. यानी इस वक्त दुनिया महायुद्ध के मुहाने पर खड़ी है.
इजरायल के खिलाफ भड़के 57 मुस्लिम देश
वहीं, फिलिस्तान से लेकर मिडिल ईस्ट के 57 मुस्लिम देशों में इज़रायल के खिलाफ क्रोध भड़क उठा है. जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. ऐसा लगता है कि मिडिल ईस्ट रुकेगा नहीं और लड़ेगा तो युद्ध और बढ़ेगा. इतना ही नहीं गाजा से अलहदा अब युद्ध का विस्तार भी शुरू हो गया है. डर यही है कि ये विस्तार कहीं विश्व युद्ध का आधार न बन जाए. बीती रात इज़रायल ने अचानक से हमले तेज़ किये हैं, और एक ही रात में ताबड़तोड गाजा पर 100 बम मारे. जिसमें एक चर्च भी तबाह हो गया, तो मस्जिद भी तबाह हो गई. इतना ही नहीं अब इज़रायल अपना आगे का वॉर प्लान भी बता रहा है.
2 महाशक्तियां आमने-सामने
युद्ध का खतरा कितना बड़ा है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि भूमध्यसागर में तैनात अमेरिका के युद्धपोत को काउंटर करने के लिए रूस ने अपने लड़ाकू विमानों को ब्लैक SEA में तैनात कर दिया है. ये लड़ाकू विमान एटम बम के साथ-साथ रूस की सबसे घातक किंझल मिसाइल से लैस है. किंझल मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर है. रूस के सैन्य बेड़े में किंझल मिसाइल सबसे घातक और खतरनाक है, इसे ट्रेस करना भी मुश्किल है. गाजा-इजरायल युद्धजोन पर अमेरिकी दवाब को देखते हुए पुतिन ने अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया है. काला सागर से करीब 1700 किलोमीटर दूर भूमध्यसागर है. दोनों सागर के बीच के हिस्से में गाजा और इजरायल के जंग का क्षेत्र आता है. अमेरिका के 2 युद्धपोत भूमध्यसागर में तैनात हैं, USS आइजनहावर और यूएसएस गेराल्ड फोर्ड. दोनों ही अमेरिकी के एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. इसे चलता-फिरता जंगी बेड़ा भी कह सकते हैं. क्योंकि युद्धपोत पर एटम बम से लैस लड़ाकू विमानों के साथ अटैक हेलिकॉप्टर मौजूद रहते हैं, इसके साथ हजारों सैनिक हमेशा युद्धपोत पर मौजूद रहते हैं.
क्या है डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना?
डिफेंस एक्सपर्ट मानते हैं कि युद्ध छोटा हो या बड़ा, अमेरिका अपने दोनों युद्धपोत पर मौजूद लड़ाकू विमानों से किसी भी मुल्क पर विनाशकारी हमला बोलने की क्षमता रखता है. तनाव इसलिए बढ़ गया, क्योंकि अमेरिकी युद्धपोत की तैनाती के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने काला सागर में अपने फाइटर प्लेन को तैनात कर दिया. युद्ध गाजा और इजरायल के बीच है लेकिन दुनिया की दो महाशक्तियों ने अपने जंगी बेड़े को आमने-सामने तैनात कर दिया है. अगर विवाद बढ़ा तो आने वाले दिनों में कुछ भी हो सकता है. क्योंकि यूक्रेन युद्ध से ही अमेरिका और रूस एक दूसरे के पीछे पड़े है. इस वक्त वॉर जोन में रूस अमेरिकी युद्धपोत की जद में है और रूस की जद में अमेरिकी युद्धपोत.
इजरायल गाजा पर लगातार बरसा रहा बम
आज युद्ध का 14वां दिन हैं, और अब तक गाज़ा के अंदर 4137 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12,500 लोग घायल हैं. वहीं, इजराइल ने बीती रात गाजा में 100 जगहों पर बम गिराए, इन हमलों में हमास के एक नेवी कमांडर की भी मौत हो गई, जो 7 अक्टूबर को इजराइल में नरसंहार का दोषी था. गाजा में अस्पताल पर बड़े हमले के बाद गुरुवार को सेंट पोर्फिरियस चर्च पर हमला किया गया. जिसमें 8 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हो गए हैं. फिलिस्तीन ने इस हमले की पुष्टि की है. हमास ने भी इसको लेकर बयान जारी किया है और आऱोप लगाया है कि इजरायली फौज ने चर्च को टारगेट किया. पिछले 24 घंटों में इजराइल की बमबारी में करीबी 307 फिलिस्तीनियों की जान गई. UN की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में अब तक 1,524 बच्चे और 1444 महिलाओं की मौत हो चुकी है. इसके अलावा गाजा पट्टी पर करीब 12,845 आवास ऐसे हैं, जो या तो तबाह हो चुके हैं या अब वहां रहना संभव नहीं है.