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इधर हिज्बुल्ला पर इजरायल ने तेज किए हमले, उधर यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिका-ब्रिटेन ने बरसाए बम, जंग फिर तेज

इधर इजरायल ने लेबनाना में हिज्बुल्ला के ठिकानों पर बमबारी जारी रखी हुई है. उधर अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों से जुड़े ठिकानों पर हमले शुरू किए हैं. ईरान समर्थित मिलिशिया समूह ने बीते साल के अंत में लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया था. यमन में ये हमले उसी के जवाब में हुए हैं.

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लाल सागर में एचएमएस डायमंड से सी वाइपर मिसाइलें दागते हुए ब्रिटिश नौसैनिक. (रॉयटर्स)
लाल सागर में एचएमएस डायमंड से सी वाइपर मिसाइलें दागते हुए ब्रिटिश नौसैनिक. (रॉयटर्स)

अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों से जुड़े ठिकानों पर हमले शुरू किए हैं. ईरान समर्थित मिलिशिया समूह ने बीते साल के अंत में लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया था. यूएस और ब्रिटेन का हूती के ठिकानों पर हमला उसी का नतीजा बताया जा रहा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक यमन ने अपने कई क्षेत्रों में विस्फोटों की पुष्टि की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार देर रात एक बयान में आगाह किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह आगे की कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे.

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इधर इजरायल ने लेबनाना मेंहिज्बुल्ला के ठिकानों पर बमबारी जारी रखी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल के हमल में अब तक 140 से अधिक हिज्बुल्ला लड़ाके मारे जा चुके हैं. वहीं, 9 इजरायली सैनिकों की भी जान गई है. यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले को लेकर जो बाइडेन ने कहा, 'ये टारगेटेड अटैक एक स्पष्ट संदेश हैं कि अमेरिका और हमारे सहयोगी राष्ट्र अपने कर्मियों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे या समुद्री व्यापारिक मार्गों की स्वतंत्रता को खतरे में डालने की अनुमति किसी को नहीं देंगे'.

यमन के सना, सादा, धमार शहरों और होदेइदा प्रांत में हमले

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 'यमन में हूतियों के ठिकानों पर हमले के बाद शुरुआती संकेत मिले हैं कि व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने की उनकी क्षमता को झटका लगा है'. एक हूती अधिकारी ने रॉयटर्स से यमन राजधानी सना के साथ-साथ सादा, धमार शहरों और होदेइदा प्रांत में हमले की पुष्टि की और इसे अमेरिका-इजरायल-ब्रिटेन की आक्रामकता करार दिया. एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हूतियों के ठिकानों पर हमले युद्धक विमानों, नौसेना की जहाजों और पनडुब्बी से किए गए.

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हूती विद्रोहियों की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना उद्देश्य

अधिकारी ने कहा कि एक दर्जन से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया गया और हमलों का उद्देश्य हूती विद्रोहियों की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना था. हूती ने रेड सी में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने को लेकर कहा था कि उनके हमले गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के समर्थन में हैं. बता दें कि गत वर्ष 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास ने अचानक हमला बोल दिया था, जिसमें 1200 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी. इसके जवाब में इजरायल ने गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था. इजरायली सैन्य हमले में गाजा में अब तक 23,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

लाल सागर में अब तक 27 व्यापारिक जहाजों पर हमले हुए हैं

हूती विद्रोहियों ने हमास के समर्थन में लाल सागर में अब तक 27 व्यापारिक जहाजों पर हमले किए हैं. इस कारण यूरोप और एशिया के बीच प्रमुख समुद्री मार्ग पर इंटरनेशनल ट्रेड बाधित हो गया है, जो दुनिया के शिपिंग यातायात का लगभग 15% है. इससे पहले गुरुवार को, एक हूती नेता ने कहा कि अमेरिकी हमले का जवाब दिया जाएगा. हूती विद्रोही समूह, जिन्होंने गृहयुद्ध में यमन के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया था, ने इजरायल से जुड़े या इजरायली बंदरगाहों की ओर जाने वाले जहाजों पर हमला करने की कसम खाई है. हालांकि, उनके द्वारा निशाना बनाए गए जहाजों में से कई का इजरायल से कोई संबंध नहीं था.

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अमेरिका और ब्रिटिश के हालिया हमले गठबंधन के बाहर हैं

दिसंबर में, 20 से अधिक देश रेड सी में कर्मशियल शिपिंग की सुरक्षा के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने पर सहमत हुए, जिसे ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन के नाम से जाना जाता है. हालांकि, यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर अमेरिका और ब्रिटिश के हालिया हमले इस गठबंधन के बाहर हैं. जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा कि हूती विद्रोहियों ने सीधे तौर पर अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड ने यमन में अमेरिका और ब्रिटेन के ऑपरेशन का समर्थन किया है. 

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