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गाजा पट्टी और लेबनान की ओर से रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने किया एयरस्ट्राइक, अल अक्सा विवाद के बाद तनाव बढ़ा

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच ताजा टकराव की खबर है. अल-अक्सा मस्जिद पर इजरायल की कार्रवाई के बाद आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर रॉकेट से कई हमले किए. जवाब में इजरायल ने भी गाजा पट्टी में हमास के मोर्चे को तबाह कर दिया.

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अल-अक्सा मस्जिद दशकों से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद का केंद्र रही है (Photo- AP)
अल-अक्सा मस्जिद दशकों से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद का केंद्र रही है (Photo- AP)

इजरायल और फिलिस्तीन एक बार फिर आमने सामने हैं. अल-अक्सा मस्जिद पर इजरायल की कार्रवाई के बाद आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर रॉकेट से कई हमले किए. लेबनान की ओर से भी इजरायल पर रॉकेट दागे गए. जवाब में इजरायल ने भी गाजा पट्टी में एयरस्ट्राइक कर हमास के मोर्चे को तबाह कर दिया. 

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गाजा पट्टी पर गुरुवार को दो धमाकों की आवाज सुनाई दी. हालांकि, शुरुआत में पता नहीं चल पाया कि किसे निशाना बनाया गया. लेकिन बाद में इजरायल की ओर से कहा गया कि उसके लड़ाकू विमानों ने सुरंगों और हमास के हथियार निर्माण स्थलों को निशाना बनाया. इजरायल हमास को एक आतंकी संगठन मानता है. गाजा पट्टी पर हमास का कब्जा है. 

इससे पहले गाजा से 25 और लेबनान से 34 रॉकेट इजरायल पर दागे गए थे. इजरायल रक्षा बलों ने इसे 2006 के बाद का सबसे बड़ा रॉकेट हमला बताया. रक्षा बलों के मुताबिक, हमास द्वारा दागे गए रॉकेट में ज्यादातर को विफल कर दिया गया. इन हमलों में दो लोगों मामूली रूप से जख्मी हुए हैं. वहीं, इस हमले के बाद इजरायल के पीएम जामिन नेतन्याहू सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में कहा था कि इजरायल का जवाब हमारे दुश्मनों से महत्वपूर्ण कीमत वसूलेगा. 

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इजरायली विमानों ने गाजा पर जैसे ही हमला किया, जवाब में विमानों पर रॉकेट दागे गए. इसके साथ इजरायली सीमावर्ती इलाकों में सायरन बजने लगे.इजरायल रक्षा बलों ने दावा किया कि लेबनान में भी एयरस्ट्राइक की गई है. हालांकि, अभी इसकी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है. समाचार एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी लेबनान में धमाके की आवाज सुनाई दी. 

इजरायल ने इस एयरस्ट्राइक के लिए हमास को दोषी ठहराया. इजरायल और फिलिस्तीन के बीच ये तनाव ऐसे वक्त पर सामने आया, जब हमास के प्रमुख इस्माइल हनियाह लेबनान दौरे पर पहुंचे थे. दोनों देशों के बीच ये पूरा तनाव अल-अक्सा मस्जिद को लेकर हुआ, आईए जानते हैं कि फिलिस्तीन-इजराइल के बीच क्या है विवाद?

तीन धर्मों का पवित्र स्थल है यरूशलम

अल-अक्सा मस्जिद: इजरायल के यरूशलम को इस्लाम, यहूदी और ईसाई तीनों धर्म में पवित्र जगह माना गया है. यहां स्थित अल-अक्सा मस्जिद को मक्का-मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. तो वहीं यहूदी भी इसे सबसे पवित्र स्थल मानते हैं. 35 एकड़ परिसर में बनी मस्जिद अल-अक्सा को मुस्लिम अल-हरम-अल शरीफ भी कहते हैं. यहूदी इसे टेंपल टाउन कहते हैं. 

वहीं, ईसाइयों का मानना है कि यह वही जगह है, जहां ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया और यहीं वे अवतरित हुए. यहां चर्च द चर्च आफ द होली सेपल्कर' है. ईसा मसीह का मकबरा इसी के भीतर है. 

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अल-अक्सा को लेकर क्या है विवाद?

यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल 'डोम ऑफ द रॉक' इसी जगह स्थित है. लेकिन पैंगबर मोहम्मद से जुड़े होने के कारण डोम ऑफ द रॉक में मुसलमान भी आस्था रखते हैं. इस जगह को लेकर वर्षों से यहूदियों और फिलिस्तीनियों के बीच विवाद है. 

प्राचीन फिलिस्तीन को 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने दो भागों में विभाजित कर दिया था. विभाजन के बाद 55 फीसदी हिस्सा यहूदियों को और 45 फीसदी हिस्सा फिलिस्तीनियों को मिला था. लेकिन 1967 में इजरायल के गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक पर यरुशलम के कब्जे के बाद यह विवाद और बढ़ गया. 

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इससे पहले 1948 से 1967 तक यह क्षेत्र जॉर्डन के कब्जे में था. हालांकि, बाद में जॉर्डन और इजरायल के बीच यह सहमति बनी कि अल-अक्सा मस्जिद के भीतर के मामलों पर जॉर्डन इस्लामिक ट्रस्ट वक्फ का नियंत्रण रहेगा जबकि बाहरी सुरक्षा इजरायल संभालेगा. शांति संधि के तहत इस बात पर भी सहमति बनी कि गैर-मुस्लिमों को भी मस्जिद परिसर के अंदर आने की इजाजत होगी लेकिन उनको प्रार्थना करने की अनुमति नहीं होगी. 

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इसके बावजूद यहूदी पिछले कुछ समय से मस्जिद में घुसकर प्रार्थना करने की कोशिश करते रहे हैं, जिससे तनाव की स्थिति बन जाती है. कई बार हिंसक झड़प भी हो गई.
 

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