इजरायल और फिलिस्तीन के आर्म्स ग्रुप हमास के बीच जंग जारी है. इजरायल की सेना गाजा पट्टी में दाखिल होने की तैयारी कर रही है. रविवार को बुलाई गई इमरजेंसी मीटिंग में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को ध्वस्त करने की कसम खाई. उन्होंने कहा कि हमास ने हम पर हमले किए और सोचा कि हम टूट जाएंगे, लेकिन हम हमास को पूरी तरह खत्म कर देंगे. इस बीच फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति से बात की है.
आधिकारिक समाचार एजेंसी WAFA के मुताबिक, महमूद अब्बास ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के साथ फोन कॉल पर बात की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन मुक्ति संगठन ही फिलिस्तीनी लोगों का एकमात्र वैद्य प्रतिनिधि है.
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फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता हमास: अब्बास
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, राष्ट्रपति अब्बास ने कहा कि चरमपंथी समूह हमास के कार्य और नीतियां फिलिस्तीन लोगों का प्रतिधिनित्व नहीं करती हैं. समाचार एजेंसी के मुताबिक, राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के नागरिकों की हत्या को अस्वीकार कर दिया और दोनों पक्षों के नागरिकों, कैदियों और किडनैप किए गए लोगों की रिहाई की अपील की है.
हमास ने इजरायल को दी थी धमकी
बता दें कि हमास ने इजरायल को धमकी दी थी कि अगर आईडीएफ ने हमास के किसी भी सैन्य ठिकाने पर रॉकेट दागे तो एक हमले के बदले में अपहरण किए गए एक नागरिक की हत्या कर दी जाएगी. वहीं इजरायल भी लगातार अपने नागरिकों की रिहाई की मांग कर रहा है. इसको लेकर इजरायल ने गाजा पट्टी में पानी, बिजली और राशन समेत कई जरूरी सेवाओं की सप्लाई को बाधित कर दिया था.
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गाजा में रहते हैं 20 लाख लोग
वहीं इजरायल ने गाजा पट्टी में रहने वाले करीब 20 लाख फिलिस्तीनियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह उत्तरी गाजा से दक्षिणी गाजा की ओर चले जाएं. इसे दुनिया के सबसे घनत्व आबादी वाला क्षेत्र माना जाता है. यही वजह है कि इजराइल ने वहां के नागरिकों को गाजा खाली करने की चेतावनी दी है. उसकी चेतावनी के बाद गाजा पट्टी से करीब 4 लाख 23 हजार पलायन कर चुके हैं. हालांकि इजरायल डिफेंस फोर्स ने आरोप लगाया है कि हमास वहां के नागरिकों को निकलने से रोक रहा है. दरअसल हमास पर आरोप है कि वह आम लोगों को ढाल बनाकर युद्ध लड़ रहा है.
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7 अक्टूबर को हमास ने किया था हमला
बीते 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने कुछ ही मिनटों में इजरायल पर करीब पांच हजार रॉकेट दाग दिए थे, इसके अलावा सीमा से सटे इलाकों में उत्पात भी मचाया था. हमास के हमले में इजरायल के करीब 1300 नागरिकों की मौत हो गई थी. इसके अलावा हजारों की संख्या में लोग घायल हैं. वहीं हमास ने दावा किया था कि उसने करीब 150 इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया है.