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Gaza Strip- गाजा पट्टी: 41 KM लंबी जमीन का वो टुकड़ा, जिसके लिए लड़ रहे इजरायल-फिलीस्तीन!

What is Gaza Strip : इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है. गाजा पट्टी से आतंकी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर किया गए हमले से हर कोई हैरान रह गया. अब इजरायली सेना भी लगातार हमास पर हमले कर रही है और गाजा पट्टी में हमास के कई ठिकाने रॉकेट से तबाह कर दिए हैं.

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गाजा पट्टी पर जारी हैं इजरायल के हमले
गाजा पट्टी पर जारी हैं इजरायल के हमले

What is Gaza Strip : फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल में किए गए हमले के बाद अभी तक दोनों तरफ से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. इजरायली पीएम नेतन्याहू के ऐलान जंग के ऐलान के बाद इजरायल की सेना और वायुसेना हमास आतंकियों को सबक सिखा रही है.

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उस गाजा पट्टी पर लगातार राकेट से हमले जारी है जिसे लेकर इजरायल हमेशा से आक्रामक रहा है. तो आइए जानते हैं कि आखिर गाजा पट्टी है क्या? और क्यों इजरायल और फिलिस्तीन इसे लेकर दशकों से आमने-सामने आते रहे हैं.

इजरायल-हमास जंग की स्पेशल कवरेज देखने के लिए यहां क्लिक करें 

गाजा पट्टी क्या है?

गाजा पट्टी, इज़राइल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच बसा एक छोटा सा क्षेत्र है जिसे दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी जाना जाता है.आतंकी इस्लामी फिलिस्तीनी संगठन हमास गाजा से ही इजरायल पर हमले कर रहा है. गाजा पट्टी लगभग दस किलोमीटर चौड़ा और 41 किलोमीटर लंबे क्षेत्र है और यहां 20 लाख से अधिक लोग रहते हैं. इसका मतलब है कि प्रति वर्ग किलोमीटर औसतन लगभग 5,500 लोग लोग रहते हैं. वहीं इजरायल की बात करें तो यहां औसत जनसंख्या घनत्व लगभग 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जिससे आप समझ सकते हैं कि गाजा में कितनी घनी आबादी रहती है.

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गाजा शहर में एक ऊंचे टावर पर इजरायली सेना के हमले के बाद धुआं और आग की लपटें  (फोटो- रॉयटर्स)
गाजा शहर में एक ऊंचे टावर पर इजरायली सेना के हमले के बाद धुआं और आग की लपटें (फोटो- रॉयटर्स)

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40 फीसदी जनसंख्या 15 वर्ष से कम आयु की

गाजा पट्टी में रहने वाले लोग फ़िलिस्तीनी हैं. इसमें रहने वाले लोगों में यहां के मूल निवासी और शरणार्थी दोनों शामिल हैं. शरणार्थी यहां 1948 में इजरायल की स्थापना और उसके बाद इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के बीच हुए सैन्य संघर्ष के बाद भागकर आ गए थे.यहां रहने वाले अधिकांश लोग उत्तर में, विशेषकर गाजा शहर में रहते हैं. यहां की जनसंख्या बहुत युवा है, लगभग 40% जनसंख्या 15 वर्ष से कम आयु की है.

फिलिस्तीनी क्षेत्रों में गाजा पट्टी और इजरायल के कब्जे वाला वेस्ट बैंक शामिल हैं. पूर्वी यरुशलम के साथ वेस्ट बैंक की सीमा इज़राइल, मृत सागर (Dead Sea) और जॉर्डन से जुड़ी हुई है. बहुत बड़ा लेकिन कम घनी आबादी होने के कारण, यह गाजा पट्टी बिल्कुल अलग है. यहां पर फतह पार्टी का शासन है जो फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) का सबसे मजबूत गुट है, जो इजरायल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता देता है और अधिकांश पश्चिमी देशों द्वारा इसे फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले के रूप में देखा जाता है.

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इजरायल और हमास एक दूसरे पर कर रहे हैं राकेट से हमला (फोटो एपी)

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ऐसा है इतिहास

फिलिस्तीन और कई दूसरे मुसलमान देश इजराइल को यहूदी राज्य के रूप में मानने से इनकार करते हैं. 1947 के बाद जब UN ने फिलिस्तीन को यहुदी और अरब राज्य में बांट दिया था जिसके बाद से फिलिस्तीन और इजरायल के बीच संर्घष जारी है. इसमें एक अहम मुद्दा इसे राज्य के रूप में स्वीकार करने का है तो दूसरा गाजा पट्टी का है, जो इजरायल की स्थापना के समय से ही इजरायल और दूसरे अरब देशों के बीच अरब देशों के बीच संघर्ष का कारण साबित हुआ है.

जून 1967 के युद्ध के बाद इजरायल ने फिर से गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया. इसके बाद इजरायल ने 25 सालों तक इस पर कब्जा बनाए रखा, लेकिन दिसंबर 1987 में गाजा के फिलिस्तिनियों के बीच दंगों और हिंसक झड़प ने एक विद्रोह का रूप ले लिया. सितंबर 2005 में इजराइल ने क्षेत्र से पलायन पूरा कर लिया और गाजा पट्टी पर नियंत्रण को फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) को सौंप दिया.  हालांकि, इजरायल ने क्षेत्ररक्षा और हवाई गश्त जारी रखी.

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फोटो- एपी

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गाजा पर किसका राज है

2007 से गाजा पट्टी पर उग्रवादी इस्लामी समूह हमास का शासन है. हमास इज़रायल के साथ शांति प्रक्रिया को अस्वीकार करता है और अपने चार्टर में इज़रायल के विनाश का आह्वान करता है.हमास के आतंकवादी बीते कई वर्षों से गाजा से इजरायली क्षेत्रों में रॉकेट से हमले करते रहे हैं, लेकिन 7 अक्टूबर को शुरू हुआ हमला अब तक का सबसे भीषण हमला बताया जा रहा है.

2007 में जब गाजा पट्टी पर हमास ने कब्जा किया तो तब से इजरायल इसे अपने "दुश्मन क्षेत्र" के रूप में देखता रहा है और इसे बड़े पैमाने पर सील कर दिया गया है. इज़रायल जल, थल और नभ की पहुंच को नियंत्रित करता है. हमास ने तब से इजरायल पर हमले कर रहा है. जिसके परिणामस्वरूप अतीत में इजरायली सेना के साथ चार बड़े सैन्य संघर्ष 2008-09, 2012, 2014 और 2021 में हुए हैं.

आबादी का बड़ा हिस्सा गरीब

इजरायल द्वारा गाजा की नाकेबंदी का एकमात्र पड़ोसी देश मिस्र ने भी समर्थन किया. परिणामस्वरूप, आर्थिक अलगाव के कारण गाजा के हालात बदतर होते गए और आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी गरीबी में जी रहा है. 15 से 24 वर्ष की आयु के बीच के लगभग 40% निवासी बेरोजगार हैं. युवा आबादी के बीच गरीबी और संभावनाओं तथा अवसरों की कमी ही वह कारण है जिसकी वजह से हमास को वहां समर्थन मिलता रहा है.

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गाजा पट्टी की एक तस्वीर (फोटो- रॉयटर्स)

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गाजा में आपूर्ति कैसे होती है

इज़राइल और गाजा के बीच, लोगों की आवाजाही के लिए एक सीमा (इरेज़) और एक सीमा माल (केरेम शालोम/सूफ़ा) के लिए है. इसका उपयोग इज़रायल या मिस्र से गाजा पट्टी तक माल ले जाने वाले ट्रकों द्वारा किया जाता है. रफ़ा (शहर) में मिस्र में प्रवेश करने वाला एक मार्ग भी है. गाजा में हथियारों को ले जाने से रोकने के लिए, माल के आयात को इज़राइल द्वारा सख्ती से नियंत्रित किया जाता है. मिस्र के साथ लगी सीमा को भी अक्सर ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि हमास सुरंगों के नेटवर्क के माध्यम से माल की तस्करी करने की कोशिश कर सके.

गाजा पट्टी काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह लगभग 80% आबादी को प्रभावित करता है. उन कई शरणार्थियों की हालात बेहद खराब है जो अभी भी शिविरों में रहते हैं और पूरी तरह से सहायता वितरण पर निर्भर हैं. गाजा भी नियमित बिजली कटौती से पीड़ित है, और बिजली अक्सर दिन में केवल कुछ घंटों के लिए उपलब्ध होती है. पानी की कमी है और अधिकांश आबादी के पास पीने का साफ पानी नहीं है. स्वास्थ्य सेवा प्रणाली भी अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है और, विशेष रूप से इज़राइल के साथ सैन्य संघर्ष के समय, अक्सर चरमरा जाती है.

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