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इजरायल ने किया एयरस्ट्राइक, खौफ के बीच फिलीस्तीन में शुरू हुआ परिवारों का पलायन

एक पीड़ित ने आपबीती बताते हुए कहा है कि हमने खिड़की से बाहर देखने की भी हिम्मत नहीं की. हमे नहीं जानना था कि कौन सा रॉकेट किसे निशाना बना रहा है. जब सुबर बाहर देखा तो सिर्फ तबाही का मंजर दिखाई पड़ा. बिल्डिंग टूट गई थीं, सड़क पर पेड़ पड़े थे और आसमान में काला धुएं का गुबार था.

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इजरायल ने किया एयरस्ट्राइक (फोटो- AFP)
इजरायल ने किया एयरस्ट्राइक (फोटो- AFP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इजरायल ने किया एयरस्ट्राइक
  • फिलिस्तीन में शुरू हुआ परिवारों का पलायन
  • फिलिस्तीन के लोगों की आपबीती

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच खूनी संघर्ष जारी है. युद्ध की आशंका के बीच एक बार फिर इजरायल की तरफ से एयरस्ट्राइक किया गया है, कई रॉकेट दागे गए हैं और टैंक से गोले छोड़े गए हैं. हालात इतने खराब हो गए हैं कि फिलिस्तीन में अब परिवारों का पलायन शुरू हो गया है. हर कोई अपने बच्चों को लेकर कहीं दूर सुरक्षित स्थानों के लिए निकल लिए हैं. जान बचाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती बन गया है.

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शुक्रवार को इजरायल की तरफ से दक्षिणी गाजा पट्टी पर कई रॉकेट दागे गए और एयरस्ट्राइक भी हुआ. ये हमला इतना जोरदार रहा कि फिलिस्तीन का एक पूरा परिवार साफ हो गया और कई घरों के चिथड़े उड़ गए. किसी ने विद्रोह करने की कोशिश की तो इजरायली सैनिकों द्वारा उसे भी मौत के घाट उतार किया गया.

इस समय फिलिस्तीन में कई ऐसे पीड़ित परिवार मौजूद हैं जो दिल दहला देने वाली घटनाएं बता रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि इजरायल के हमले में कई मासूमों की जान जा रही है. ये अलग बात है कि इजरायल ने लगातार जोर देकर कहा है कि उनका हमला सिर्फ आतंकियों का सफाया करने के लिए है.

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फिलिस्तीन के लोगों की आपबीती

एक पीड़ित ने आपबीती बताते हुए कहा है कि हमने खिड़की से बाहर देखने की भी हिम्मत नहीं की. हमे नहीं जानना था कि कौन सा रॉकेट किसे निशाना बना रहा है. जब सुबर बाहर देखा तो सिर्फ तबाही का मंजर दिखाई पड़ा. बिल्डिंग टूट गई थीं, सड़क पर पेड़ पड़े थे और आसमान में काला धुएं का गुबार था. वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि इजरायल के हमले में एक गर्भवती महिला समेत चार लोगों की भी मौत हो गई. उनका चार मंजिला घर भी कचरे के ढेर में तब्दील हो गया.स्कूलों में लिया जा रहा शरण

तबाही का आलम इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हजारों लोग अब उन स्कूलों में शरण लेने को मजबूर हैं जिन्हें रिलीफ एजेंसी द्वारा चलाया जा रहा है. कई जगहों से पलायन तेज हो गया है और हमलों से बचने के लिए सभी दूर-दराज के इलाकों में जा रहे हैं. एक पीड़ित तो इतना परेशान हो चुका है वो मीडिया को कह रहा है- हमे नहीं पता कि अब कोरोना से बचना है या फिर रॉकेट से या फिर किसी दूसरे हमले से. मेरे बच्चों ने कुछ नहीं खाया है, सोने के लिए कोई बिस्तर-चादर नहीं है. हम सभी ने एक स्कूल में शरण ले रखा है.

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हमास ने इजरायल पर अब तक दागे 1800 रॉकेट

वैसे अगर इजरायल की तरफ से रॉकेट दागे जा रहे हैं, तो हमास भी अब तक 1800 रॉकेट दाग चुका है. हमास की तरफ से भी इजारायल के रिहायशी इलाकों में गोले दागे गए हैं. इजरायल ने भी जोर देकर कहा है कि हमास की तरफ से इंसानियत को शर्मसार किया गया है और उन्हें इसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. अब इस समय परिस्थिति ऐसी है जहां पर ना इजरायल पीछे हटने को तैयार है और ना ही फिलिस्तीन की तरफ से हमले कर रहा हमास. कुछ देशों द्वारा मध्यस्थता की कोशिश की गई है, लेकिन कोई परिणाम निकलता नहीं दिख रहा.

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