इजरायल पर शनिवार की सुबह हमास ने हमला शुरू कर दिया. कुछ ही मिनटों में हजारों रॉकेट दाग दिए. इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में रहने वाले हजारों लोग आ चुके हैं. हमास के हमलों में इजरायल के 300 लोगों की मौत हुई थी, जवाबी कार्रवाई में हमास के 400 ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच चीन का पहली बार रिएक्शन आया है.
चीन ने रविवार को फिलिस्तीन और इजरायल से युद्ध को तुरंत खत्म करने की अपील की है. बीजिंग की ओर से कहा गया है कि दोनों देशों को संयम बरतते हुए हालात और बिगाड़ने से बचें. इसके साथ ही चीन ने नागरिकों की रक्षा के लिए शांति बहाल करने के लिए कहा है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन ने कहा कि वो फिलिस्तीन और इजरायल के बीच तनाव और हिंसा में बढ़ोतरी से बहुत चिंतित है और वह दोनों पक्षों से शांत रहने की अपील करता है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच भीषण संघर्ष पर सवालों के जवाब में कहा कि गाजा पट्टी में दोनों पक्षों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ.
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हमास ने शनिवार को रॉकेट हमलों की झड़ी लगा दी. इजरायल पर हमास का यह हमला अबतक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने भी गाजा पट्टी पर हवाई हमलों से रिएक्शन दिया है, जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. चीनी प्रवक्ता ने कहा कि एक बार दोनों देशों के बीच हुआ संघर्ष दिखाता है कि शांति प्रक्रिया का लंबा गतिरोध कायम नहीं रह सकता. संघर्ष से बाहर निकलने का मूल रास्ता दो-राज्य समाधान को लागू करना और एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीन राज्य की स्थापना करना है.
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सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने प्रवक्ता के हवाले से कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अधिक तत्परता के साथ कार्य करने, फिलिस्तीन और इजरायल के बीच शांति वार्ता को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने की सुविधा प्रदान करने और स्थायी शांति लाने का रास्ता खोजने की जरूरत है.
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प्रवक्ता ने कहा कि चीन इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ लगातार काम करना जारी रखेगा. चीन ने इस साल मिडिल ईस्ट में अपनी कूटनीति को आगे बढ़ाया है, जिसके बाद कट्टर प्रतिद्वंद्वियों सऊदी अरब और ईरान ने अपनी शत्रुता खत्म कर राजनयिक संबंधों को बहाल कर लिया था. ईरान और सऊदी अरब के बीच बीजिंग की मध्यस्थता में अलगाव दो प्रभावशाली मध्य पूर्वी देशों के बीच कड़वी प्रतिद्वंद्विता के बाद आया, जिसने इराक, सीरिया, लेबनान, यमन और बहरीन सहित क्षेत्र के कई देशों को अस्थिर कर दिया था.