यरूशलम की अल-अक्सा मस्जिद परिसर में एक बार फिर इजरायल पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष की खबर सामने आई है. इजरायल पुलिस पर आरोप लगा है कि उसने बुधवार सुबह अल-अक्सा में नमाज पढ़ने वालों पर हमला कर दिया. वहीं इस पर इजरायल पुलिस ने कहा कि कार्रवाई दंगे की स्थिति पर काबू पाने के लिए की गई थी.
इस घटना के बाद वेस्ट बैंक में विरोध प्रदर्शन किया गया और इजरायल पुलिस ने कहा कि दक्षिणी शहरों में सायरन बजने के बाद गाजा की ओर से इजरायल पर 9 रॉकेट दागे गए. वेस्ट बैंक और यरूशलम में बीते एक साल में हिंसा बढ़ी है. इस महीने तनाव और भी बढ़ सकता है क्योंकि यहूदी धर्म के फसह और ईसाई ईस्टर, मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान में आता है.
इजरायल पुलिस ने एक बयान में कहा कि नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने आतिशबाजी, लाठियों और पत्थरों से खुद को मस्जिद के अंदर बंद कर लिया, जिसके बाद उसे परिसर में प्रवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा. बयान में कहा गया है, "जब पुलिस ने प्रवेश किया तो उन पर पत्थर फेंके गए और प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह द्वारा मस्जिद के अंदर से आतिशबाजी की गई. इसमें एक पुलिस अधिकारी के पैर में चोट आई है."
अल-अक्सा मस्जिद को यहूदी टेंपल माउंट के रूप में जानते हैं. इसको लेकर हाल के वर्षों में हिंसा भड़की है. फिलिस्तीनी समूहों ने मस्जिद परिसर में इजरायल के हमलों की निंदी की और उन्होंने इसे एक अपराध बताया. फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदिनेह ने कहा, "हम पवित्र स्थलों पर लाल रेखाओं को पार करने के खिलाफ कब्जे की चेतावनी देते हैं, जिससे एक बड़ा विस्फोट होगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉर्डन और मिस्र दोनों ही देशों ने इजरायल पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों की निंदा की और दोनों ने अलग-अलग बयान जारी किए. इसको बता दें कि दोनों देश अमेरिका समर्थित इजरायल और फिलीस्तीन के बीच तनाव करने के लिए प्रयासों का समर्थन कर रहे थे.