इजरायली बंधकों की रिहाई के बदले फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़े जाने का सिलसिला जारी है. पिछले दो दिनों में 11 बंधकों के बदले इजरायल ने 293 फिलिस्तीनियों को रिहा किया है. शुक्रवार को करीब 110 फिलिस्तीनी आजाद किए गए, जिसके बाद हमास की ओर से 8 इजरायली बंधकों को छोड़ा गया. वहीं, शनिवार को इजरायल ने 183 फिलिस्तीनियों को रिहा किया, जिसके बदले हमास ने तीन बंधकों को छोड़ा है.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रिहा हुए फिलिस्तीनी इजरायल की जेलों में लंबे समय से बंद थे. इन कैदियों में 30 ऐसे भी हैं जो इजरायलियों के खिलाफ घातक हमलों के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. उनकी रिहाई के बाद कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा में उनका भव्य स्वागत किया गया. उनके स्वागत के लिए सैकड़ों फिलिस्तीनी सड़कों पर उतर आए. उन्होंने अपनों को गले लगाया.
रिहा हुए एक फिलिस्तीनी इब्राहिम कशुआ ने बताया, ''जेल में स्थिति कल्पना से भी ज़्यादा कठिन है. उन्होंने हमारे खिलाफ हर तरह की कठोर और हिंसक हरकतें की हैं. हर तरह का दबाव डाला गया. मुझे यकीन है कि आप जानते हैं और आपको गाजा में युद्ध के दौरान इस व्यवहार के कारण हमारे कई बंदी भाइयों की शहादत की खबर मिली होगी.'' कैदियों ने जेल में बंद होने के दौरान की आपबीती सुनाई.
इससे पहले शुक्रवार को हमास ने 8 बंधकों को रिहा किया, जिसमें 3 इजरायली और 5 थाईलैंड के नागरिक हैं. उन्हें 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमले के दौरान अगवा कर लिया गया था. सीजयफायर डील के पहले चरण में इजरायल को करीब 1900 फिलिस्तीनी क़ैदियों को छोड़ना है. वहीं, हमास इसके बदले 33 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा. इजरायल और हमास के बीच ये समझौता तीन चरणों में लागू होना है.
बताते चलें कि सीजफायर डील के चंद दिनों के अंदर ही आईडीएफ चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल में हुए हमास के हमले के दौरान सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी लेते हुए ये कदम उठाया था. वो 7 मार्च को कार्यमुक्त हो जाएंगे. उन्होंने कहा था कि उनकी कमान के तहत इजरायली सेना राज्य की रक्षा करने के अपने मिशन में विफल रही है.
उन्होंने जनवरी 2023 में 3 साल का कार्यकाल शुरू किया था. उनका इस्तीफा 6 मार्च से प्रभावी होगा. सुरक्षा चूक के कारण इस्तीफा देने वाले वो सबसे वरिष्ठ इजरायली अधिकारी हैं. हर्जी हलेवी ने लिखा था, ''7 अक्टूबर की सुबह मेरी कमान के तहत सेना नागरिकों की रक्षा करने के अपने मिशन में विफल रही. इजरायल ने भारी कीमत चुकाई. इस भयानक विफलता के लिए मेरी जिम्मेदारी हर दिन, हर घंटे मेरे साथ रहती है.''