इजरायल की सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा घरेलू सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को हटाने के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक कि इस मामले पर अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती, जो 8 अप्रैल से पहले होगी.
इससे पहले, नेतन्याहू की कैबिनेट ने सर्वसम्मति से रोनेन बार को बर्खास्त करने की मंजूरी दी थी. नेतन्याहू के कार्यालय ने घोषणा की थी कि बार की बर्खास्तगी 10 अप्रैल से प्रभावी होगी, लेकिन अगर सरकार को इससे पहले कोई नया प्रमुख मिल जाता है, तो यह फैसला जल्दी भी लागू हो सकता है.
अटॉर्नी जनरल ने जताई आपत्ति
इजरायल की अटॉर्नी जनरल ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि कैबिनेट के पास बार को बर्खास्त करने का कोई कानूनी आधार नहीं है. उनका कहना है कि यह फैसला कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन कर सकता है.
शिन बेट ने हाल ही में 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में स्वीकार किया गया था कि सुरक्षा एजेंसी से कुछ चूक हुई थी, जिससे हमास का हमला हुआ. लेकिन साथ ही, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि नेतन्याहू सरकार की नीतियों ने इस हमले की पृष्ठभूमि तैयार की थी.
राजनीतिक विवाद तेज
रोनेन बार की बर्खास्तगी का मामला इजरायली राजनीति में भूचाल ला सकता है. विपक्षी दलों का आरोप है कि नेतन्याहू सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए सुरक्षा अधिकारियों को बलि का बकरा बना रही है. अब सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, जो 8 अप्रैल से पहले हो सकती है. इस सुनवाई के बाद ही तय होगा कि रोनेन बार अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं.