हमास और इजरायल के बीच जंग को करीब 20 दिन बीत गए हैं. अब तक दोनों ओर के 6000 लोगों की मौत हो चुकी है. जंग के बीच लेबनान के संगठन हिज्बुल्ला के चीफ ने हमास और इस्लामिक जिहाद के टॉप कमांडर्स के साथ बैठक की. इस बैठक में इजरायल से मुकाबले की रणनीति को लेकर चर्चा हुई.
हिज्बुल्ला की अल-मनार टीवी के मुताबिक, बैठक में हिज्बुल्ला चीफ सैय्यद हसन नसरल्लाह, हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल अरौरी और इस्लामिक जिहाद प्रमुख अल-नखला मौजूद थे. बैठक में चर्चा हुई कि गाजा में इजरायल के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए उन्हें क्या क्या कदम उठाने चाहिए. इस बैठक में अन्य देशों द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बात हुई.
60 हजार लड़ाके, 1.50 लाख मिसाइलें... 17 साल बाद इजरायल के खिलाफ कितना ताकतवर हुआ हिज्बुल्ला?
दरअसल, 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी से हमास और इस्लामिक जिहाद ने इजरायल पर हमला किया था. इस दौरान गाजा पट्टी से हजारों रॉकेट दागे गए थे. इतना ही नहीं हमास और इस्लामिक जिहाद के लड़ाकों ने इजरायल के सीमावर्ती इलाकों में घुसकर कत्लेआम भी मचाया था. इन हमलों में 1400 नागरिकों की मौत हुई थी. इतना ही नहीं हमास और इस्लामिक जिहाद के लड़ाकों ने सैकड़ों लोगों को बंधक भी बना लिया था.
इन हमलों के जवाब में इजरायल गाजा पट्टी में हमास और इस्लामिक जिहाद के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है. इन हमलों में 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. उधर, हमास भी गाजा पट्टी से लगातार इजरायली शहरों में रॉकेट से हमला कर रहा है. हमास के लेबनान के संगठन हिज्बुल्ला का भी साथ मिल रहा है. हिज्बुल्ला लेबनान से इजरायल पर रॉकेट दाग रहा है. इजरायल ने भी लेबनान में हिज्बुल्ला के ठिकानों पर बमबारी की है.
कौन है सालेह अल-अरौरी?
हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल-अरौरी वेस्ट बैंक में हमास का नेता है. सालेह इजरायल की हिट लिस्ट में है. पिछले दिनों इजरायली सेना ने ट्वीट कर कहा था कि याह्या सिनवार, मोहम्मद दीफ, सालेह अल-अरौरी, इस्माइल हनियेह और अन्य के हाथों पर हजारों लोगों का खून लगा है. हम 7 अक्टूबर को हुए हमास नरसंहार को कभी नहीं भूलेंगे. इजरायल के हमलों के बीच अरौरी ने अरब और इस्लामी देशों से ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड में शामिल होने की अपील की थी.
कौन है जियाद अल नखला?
जियाद अल-नखला 28 सितंबर 2018 से फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) का नेता है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इजरायल द्वारा एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है. अल-नखला को 2014 में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था.
कहा जाता है कि अल-नखलाह वर्तमान में लेबनान या सीरिया में रहता है. वह ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के साथ मजबूत संबंध बनाए रखता है. उनका समूह, पीआईजे, मुख्य रूप से ईरान और सीरिया द्वारा फंडित है.