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रफाह में इजरायल के हमले पर भड़के अरब देश, इस्लामिक देशों के संगठन ने क्या कहा?

गाजा में इजरायल की गोलीबारी से भागकर फिलिस्तीनियों ने दक्षिणी शहर रफाह में शरण ली थी लेकिन वहां भी उनकी जान सुरक्षित नहीं है. रविवार से ही इजरायल रफाह में हवाई हमले कर रहा है जिसमें विस्थापितों की जान जा रही है. इस हमले पर अरब लीग और इस्लामिक देशों का संगठन ओआईसी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान और कतर के अमीर शेख तमीन बिन हमद अल-थानी (Photos- Reuters)
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान और कतर के अमीर शेख तमीन बिन हमद अल-थानी (Photos- Reuters)

गाजा के दक्षिणी हिस्से में बसे रफाह शहर में इजरायल रविवार से लगातार हमले कर रहा है जिसमें कई विस्थापित फिलिस्तीनियों की जान गई है. रविवार को विस्थापितों के टेंटों पर हुए एयरस्ट्राइक में 46 लोग मारे गए जिनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे. फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने इस हमले को लेकर कहा कि इजरायल ने जानबूझकर विस्थापितों को निशाना बनाया और हवाई हमले किए.

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मंगलवार को भी रफाह पर हमला हुआ जिसमें 21 लोग मारे गए और 64 घायल हैं. हालांकि, इजरायल ने मंगलवार के हमले से इनकार किया है. 

इजरायली हमले में फिलिस्तीनियों की मौत पर अरब दुनिया में भारी आक्रोश है. सऊदी अरब, यूएई, कतर समेत कई अरब देशों ने हमले के लिए इजरायल को निशाने पर लिया है.

सऊदी अरब ने क्या कहा?

सऊदी अरब ने रफाह में विस्थापितों पर इजरायल के हमले की कड़ी निंदा की है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में इजरायली सेना द्वारा अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों के जबरदस्त उल्लंघन को खारिज कर दिया गया. बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत हस्तक्षेप का आह्वान किया गया.

सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि गाजा में जो मानवीय स्थिति बन रही है, उसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

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उन्होंने जोर देकर कहा कि फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष का समाधान टू-स्टेट सॉल्यूशन यानी फिलिस्तीनियों के लिए एक देश है, जो क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा की नींव है.

वहीं, रविवार को सऊदी मंत्री ने कहा था कि यह बेहद जरूरी है कि इजरायल इस बात को मान ले कि फिलिस्तीनी देश के बिना उसका अस्तित्व संभव नहीं है.

यूएई ने क्या कहा?

अरब के एक और महत्वपूर्ण देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने रफाह में इजरायली हमले की निंदा की और कहा कि इजरायल रफाह में रह रहे विस्थापितों को निशाना बना रहा है.  

यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने पर जोर दिया जिसमें मांग की गई थी कि इजरायल रफाह में अपनी सैन्य कार्रवाई को तुरंत रोके.

Photo- Reuters

मिस्र

मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि 'मिस्र फिलिस्तीनी शहर रफाह में विस्थापित लोगों के तंबुओं पर जानबूझकर किए गए इजरायली हवाई हमले की कड़ी शब्दों में निंदा करता है, जिसमें सैकड़ों लोग हताहत हुए हैं.'

बयान में हवाई हमले को 'अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के प्रावधानों और युद्ध के समय में नागरिकों की सुरक्षा पर 1949 के चौथे जेनेवा कन्वेंशन का घोर उल्लंघन' बताया गया है.

बयान में आगे कहा गया है, 'यह दुखद घटना निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाने की कड़ी में से एक घटना है और यह दिखाती है कि व्यवस्थित तरीके से हो रहे इन हमलों का मकसद गाजा में हत्या और विनाश के दायरे का विस्तार करना है, जिससे यह निर्जन हो जाए.'

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मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से फिलिस्तीनी क्षेत्र में तत्काल युद्धविराम लागू करने और रफाह में इजरायली सेना के अभियान को रोकने के लिए हस्तक्षेप का आह्वान किया.

जॉर्डन

अरब देश जॉर्डन ने भी रफाह में इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कार्रवाई 'अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसलों की घोर अवहेलना और अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन है.'

Photo- Reuters

कुवैत

कुवैत ने भी इजरायली हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे नरसंहार बताया. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'यह हमला एक अभूतपूर्व नरसंहार और जबरदस्त युद्ध अपराध है.' 

बयान में कुवैती विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की कि वो इजरायल को अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रस्तावों, खासकर, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का पालन करने के लिए मजबूर करें.

कतर

अरब देश कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'कतर इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन और कब्जे वाले क्षेत्र में मानवीय संकट को और अधिक बढ़ाने वाला मानता है.'

बयान में मांग की गई कि इजरायली अधिकारी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का पालन करें और रफाह में सैन्य हमले को तुरंत रोकें.

अरब लीग ने भी दी प्रतिक्रिया

22 अरब देशों के संगठन अरब लीग ने भी इजरायली हमले की निंदा की और विस्थापितों पर हमले को युद्ध अपराध बताया. लीग के महासचिव अहमद अबुल- गेइत ने 'युद्ध अपराधों के लिए अपराधियों को दोषी ठहराने की खातिर इस अपराध को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने की मांग की.'

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Photo- Reuters

अरब देशों की संसद ने भी फिलिस्तीनी नागरिकों पर इजरायली सेना के हमले की निंदा की. अरब संसद ने कहा कि इजरायली सेना ने कानून, अंतरराष्ट्रीय प्रावधानों और कानूनी मूल्यों को तोड़ा है जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए.

इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने भी दी प्रतिक्रिया

इजरायल के हमले पर दुनियाभर के 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने एक बयान जारी किया है. बयान में ओआईसी ने महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए इजरायल की घोर निंदा करते हुए इसे 'मानवता के खिलाफ युद्ध अपराध' बताया. बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय अपराध कानून के तहत अपराधी को जिम्मेदार ठहराया जाना ही चाहिए.

बयान में आगे कहा गया, 'ओआईसी अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर यूएन सुरक्षा परिषद से आह्वान करता है कि वो इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए मजबूर करे और इजरायली हमले को तुरंत रोके. हम मांग करते हैं कि रफाह क्रॉसिंग खोला जाए जिससे गाजा पट्टी में सड़क, समुद्र और हवा के जरिए मानवीय मदद पहुंचाई जा सके. हम मांग करते हैं कि इजरायली हमले को रोका जाए जो कि पिछले 7 अक्टूबर से जारी है जिसमें 36,000 फिलिस्तीनी मारे गए और 81,000 से करीब घायल हुए हैं. हम मांग करते हैं कि फिलिस्तीनी लोगों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मिले.'

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