इस साल जनवरी महीने में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के एजेंटों ने ईरान के कुछ दस्तावेज और सामग्रियों को रातोंरात चुराने का एक साहसिक अभियान सफल बनाया. इन दस्तावेजों से यह बात साबित हुई कि ईरान नाभिकीय हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है.
प्रमुख अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, 'करीब 50 हजार पेज और 163 सीडी वाले इन दस्तावेजों में मेमो, वीडियो और प्लान शामिल हैं. अखबार के अनुसार खुद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस उपलब्धि की 'निजी तौर पर जानकारी दी.'
यह जानकारी उन्होंने उसके पहले ही दी थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने (23 जनवरी को) अपने देश को ईरान के साथ 2015 में हुए बहुपक्षीय समझौते से बाहर कर दिया था. इस समझौते के तहत ईरान ने अपने ऊपर लंबे प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपनी नाभिकीय गतिविधियों पर अंकुश लगाने की बात की थी. ट्रंप ने यह भी कहा था कि वह ईरान पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाएंगे.
अखबार ने लिखा है, 'दस्तावेजों की वैधता की स्वतंत्र तरीके से जांच करना असंभव है. इजरायलियों ने दस्तावेज अपने हाथ में लिए थे और हमारे पत्रकारों को दिखाए. इसका मतलब यह है कि ऐसा भी हो सकता है कि उन्होंने ईरान को निर्दोष साबित करने वाले दस्तावेज छुपा लिए हों. उन्होंने कहा कि कुछ सामग्री उन्होंने नहीं दिखाया है, क्योंकि इससे अन्य देशों के बारे में खुफिया जानकारी मिल सकती है.'
ईरान ने बताया साजिश
ईरान का कहना है कि यह इजरायलियों की सोची-समझी योजना है, जिसके द्वारा वे फिर से ईरान पर प्रतिबंध लगवाना चाहते हैं. अमेरिका द्वारा फिर से प्रतिबंध लगाने की आशंका से ईरान की करेंसी में तेजी से गिरावट देखी गई है.
कैसे चला ऑपरेशन
अखबार के अनुसार ईरान को चकमा देते हुए मोसाद ने इस बात पर निगरानी रखी कि ये जानकारियां कहां जमा की जा रही हैं. इन सामग्रियों को हासिल करने की योजना कुछ उसी तरह की थी, जैसे कि हॉलीवुड फिल्म 'ओसन्स 11' में जॉर्ज क्लूनी का एडवेंचरस प्लान था. चुराई हुई जानकारियां लेकर मोसाद के एजेंट विभिन्न रास्तों से बाहर निकले. हालांकि इजरायली सूत्रों ने यह नहीं बताया कि वे इसे लेकर ईरान से बाहर कैसे आए? फ्लाइट से, पानी वाले जहाज से या सड़क मार्ग से?
क्या पाकिस्तान ने की परमाणु हथियार बनाने में ईरान की मदद?
अखबार के अनुसार, इन दस्तावेजों से पता चलता है कि ईरान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए 'विदेशी मदद ली.' लेकिन यह मदद किस देश ने की, इसके बारे में इजरायली सूत्रों ने कोई जानकारी नहीं दी. ऐसा माना जाता है कि यह उसे पाकिस्तान से मिला होगा. इजरायली अधिकारियों ने कहा कि कई ऐसे विदेशी एक्सपर्ट मददगार थे, लेकिन जरूरी नहीं कि उन्होंने अपनी सरकार की तरफ से यह काम किया हो.'