इजरायल और हमास की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. इस युद्ध की चपेट में आम नागरिक भी आ रहे हैं. रविवार को दक्षिणी गाजा के राफा शहर में विस्थापित फिलिस्तीनियों के कैंप पर इजरायली हमले में करीब 45 लोगों की मौत हो गई थी. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे एक 'दुखद गलती' माना है. स्थानीय अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है.
सबसे करीबी भी हुए खिलाफ
हमास के साथ युद्ध लड़ रहा इजरायल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना कर रहा है. यहां तक कि उसके कुछ सबसे करीबियों, जैसे अमेरिका ने भी नागरिकों की मौत पर नाराजगी जताई है. इजरायल का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन कर रहा है जबकि दुनिया की शीर्ष अदालतों में भी उसके खिलाफ आवाजें उठ रही हैं. पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इजरायल से राफा में अपने हमले रोकने के लिए कहा था.
36 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत का दावा
इजरायल की सेना ने इससे पहले कहा था कि उसने नागरिकों की मौत की जांच शुरू कर दी है. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, रविवार रात का हमला, जो युद्ध के सबसे घातक हमलों में से एक प्रतीत होता है, ने जंग में जान गंवाने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या को 36000 से ऊपर पहुंचा दिया है.
'हमसे दुखद गलती हुई'
नेतन्याहू ने सोमवार को इजरायल की संसद को संबोधित करते हुए कहा, 'निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचाने की हमारी पूरी कोशिशों के बावजूद, कल रात एक दुखद गलती हुई.' उन्होंने कहा, 'हम घटना की जांच कर रहे हैं और निष्कर्ष निकालेंगे क्योंकि यह हमारी नीति है.'
45 लोगों की मौत
तेल अल-सुल्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में घटनास्थल पर पहुंचे मोहम्मद अबुस्सा ने कहा कि बचावकर्मियों ने 'उन लोगों को बाहर निकाला जो बेहद बुरी स्थिति में थे.'
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय और फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट रेस्क्यू सर्विस के अनुसार, कम से कम 45 लोग मारे गए. मंत्रालय ने कहा कि मृतकों में कम से कम 12 महिलाएं, आठ बच्चे और तीन वयस्क शामिल हैं, जबकि अन्य तीन शव बुरी तरह जल जाने के चलते पहचाने नहीं जा सके.