scorecardresearch
 

इटली: भूकंप में 247 लोगों की मौत, करीब 400 घायल, इन कारणों से मलबे में बदल गया गांव-शहर

प्रधानमंत्री मतेओ रेंजी ने कहा है कि सैंकड़ों लोगों के दबे होने के कारण मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है. जबकि भूकंप के झटके दोबारा आने की आशंका के बीच सैकड़ों लोगों ने अस्थाई शिविरों में सर्द रात गुजारी.

Advertisement
X
मध्य इटली में तबाही के बाद का मंजर
मध्य इटली में तबाही के बाद का मंजर

Advertisement

सेंट्रल इटली में बुधवार को आए विनाशकारी भूकंप में जहां एक ओर कई शहर और गांव तबाह हो गए हैं, वहीं मरने वालों की तादाद 247 तक पहुंच गई है. सिविल प्रोटेक्शन ग्रुप के मुताबिक मृतकों की संख्या 247 तक पहुंच गई है. इससे पहले एजेंसियों ने यह आंकड़ा 159 बताया था. हजारों लोग बेघर हो गए हैं, जबकि करीब 400 लोग घायल हैं. ग्रामीण इलाकों में अभी मलबे में फंसे और दबे लोगों को निकालने का काम जारी है.

प्रधानमंत्री मतेओ रेंजी ने कहा है कि सैंकड़ों लोगों के दबे होने के कारण मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है. जबकि भूकंप के झटके दोबारा आने की आशंका के बीच सैकड़ों लोगों ने अस्थाई शिविरों में सर्द रात गुजारी. भूकंप के केंद्र के समीप वाले गांव में सैंकड़ों इमारतें, चर्च मलबे में तब्दील हो गईं. भूकंप की तीव्रता 6.0 से 6.2 के बीच थी, जो नेपाल में आए विनाशकारी 7.8 तीव्रता वाले भूकंप से काफी कम है. लेकिन बावजूद इसके चारों ओर तबाही का मंजर है.

Advertisement

इन कारणों से मची ऐसी तबाही-

1) यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक भूकंप का केंद्र पेरुगिया प्रांत के उमब्रिया शहर के पास जमीन की सतह से 10 किमी नीचे था.

2) विशेषज्ञ बताते हैं कि भूकंप का केंद्र सतह से अधि‍क नीचे नहीं था, इसी वजह से अधिक तबाही मची.

3) भूकंप का केंद्र और आसपास के शहर और गांवों की अधिकतर इमारतें पत्थर की बनी हुई थीं और 100 साल पुरानी थीं.

4) ईंग्लैंड के प्रोफेसर डेविड ए. रॉथरी कहते हैं, '100 साल पहले भूकंपरोधी इमरातों को बनाने का तरीका नहीं था. इसलिए सतह के करीब हल्के झटके ने भी सबकुछ तबाह कर दिया.'

5) भूकंप उमब्रिया, मार्चे और लाजियो के बीच बसे दूरवर्ती इलाकों में साल के ऐसे समय में आया, जब स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक भी काफी संख्या में आए हुए थे.

6) यह इलाका ला अकिला से थोड़ी ही दूर उत्तर में है, जहां 2009 में आए भूकंप में करीब 300 लोग मारे गए थे.

7) सबसे ज्यादा तबाही और मौत अमात्रीस, एकुमोली और अरकाता डेल तोरंतो गांवों और उनके आसपास के इलाकों में हुई हैं.

8) एमात्रीस के मेयर सेर्गियो पिरोजी ने बताया कि आधा गांव तबाह हो गया है. उन्होंने कहा कि निरिक्षण के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने क्षेत्र में बमबारी कर दी हो.

Advertisement

9) पोप फ्रांसिस ने सेंट पीट्स बर्ग में अपना साप्ताहिक कार्यक्रम रोककर हादसे पर शोक जताया.

10) भूकंप तड़के 03 बजकर 36 मिनट पर आया. इसके तीन मिनट बाद गांव के 13वीं सदी के टावर पर लगी घड़ी रूक गई.

Advertisement
Advertisement