इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के खिलाफ एक न्यायिक जांच शुरू की गई है. आरोप है कि उन्होंने लीबिया के एक पुलिस अधिकारी को रिहा कर दिया है, जिनपर आईसीसी के अरेस्ट वॉरंट के बाद गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, उन्हें इस्तीफा देने की कोई बाध्यता नहीं है और इटली में जांच का सामना करना दोष का प्रमाण नहीं है और यह भी नहीं कि कोई औपचारिक चार्ज इसके पीछे लगेगा.
मसलन, दावा है कि ओसामा अलमासरी नजीम नाम के लीबियाई पुलिस अधिकारी को रिहा कर दिया, जिनपर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप है. इस मामले में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था. इसके बाद उसे हिरासत में लिया गया था, लेकिन कुछ समय बाद ही इटली पीएम ने उन्हें रिहा कर दिया.
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आईसीसी ने इटली पीएम मेलोनी से मांगा स्पष्टीकरण
अब आईसीसी ने इटली पीएम मेलोनी से स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर उन्होंने लिबियाई पुलिस अधिकारी को रिहा क्यों किया. आईसीसी ने साथ ही कहा कि रिहाई को लेकर कोर्ट से किसी तरह का विचार-विमर्श नहीं किया गया था. मेलोनी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बयान जारी किया और कहा कि उन्हें ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता है.
इटली पीएम और कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ न्यायिक जांच
मेलोनी ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ''मुझे ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता. मैं घबराउंगी नहीं.. इसलिए मैं कहती हूं कि मुझे वो लोग पसंद नहीं करते जो नहीं चाहते हैं कि इटली बदले और बेहतर बने." सिर्फ पीएम ही नहीं बल्कि उनकी कैबिनेट के टॉप मंत्रियों के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं.
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मसलन, जॉर्जिया मेलोनी ने बताया कि न्याय मंत्री कार्लो नॉर्डियो, आंतरिक मंत्री मत्तेओ पिएन्तेडोसी और खुफिया मामलों के लिए मंत्रिमंडल के अंडरसेक्रेटरी, अल्फ्रेडो मंटोवानो के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं.