सरबजीत पर हुए जानलेवा हमले के बाद उसे दो घंटे की देरी से अस्पताल पहुंचाया गया. ये खुलासा सरबजीत को अस्पताल ले जानेवाले एक अफसर ने किया है. अफसर के मुताबिक जेल के अधिकारियों को सरबजीत को बिना देर किए अस्पताल में भर्ती कराना था लेकिन उन्होंने जानबूझकर उसे देर से अस्पताल भेजा. अधिकारी के मुताबिक अगर सरबजीत को दो घंटे देर पहले अस्पताल में भर्ती कराया जाता तो उसकी हालत इतनी खराब नहीं होती.
कोर्ट लखपत जेल में बंद सरबजीत पर जानलेवा हमले के पीछे वहां के सुपरिटेंडेंट का हाथ था. दो आरोपी हमलावरों ने पूछताछ में कबूला है कि सुपरिटेंडेंट के कहने पर ही उन्होंने सरबजीत पर जानलेवा हमला किया. वैसे घटना के बाद 7 पुलिसवालों को सस्पेंड तो कर दिया गया है. लेकिन सरबजीत पर जिस तरीके से जेल में जानलेवा हमला किया गया उससे साफ है कि ये एक सुनियोजित साजिश थी.
पाकिस्तान की जेल में हमले का शिकार हुए सरबजीत की हालत और बिगड़ती जा रही है. मंगलवार देर रात लाहौर के जिन्ना अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि सरबजीत की हालत और खराब होती जा रही है. उधर आज सरबजीत का परिवार वाघा बोर्डर के रास्ते भारत लौट रहा है. सरबजीत के वकील ओवैस शेख के मुताबिक परिवार भारत जाकर लोगों से राय मशिवरा करेगा कि आगे क्या करना है.
सरबजीत के वकील ने कहा है कि वो आज लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कुछ भारतीय डॉक्टरों को पाकिस्तान आने देने की अनुमुति मांगेगे. सरबजीत के वकील के मुताबिक वो कोर्ट से गुजारिश करेंगे कि भारत से डॉक्टरों की एक टीम को पाकिस्तान आने दिया जाए ताकि वो सरबजीत के इलाज में सहयोग कर सकें.
सरबजीत के वकील का कहना है कि सरबजीत के इलाज को लेकर उनके परिवार के साथ-साथ भारत की जनता के मन में शंकाएं हैं. ओवैस शेख का कहना है कि भारतीय डॉक्टरों को लाहौर आने की अनुमति मिलने से लोगों की शंकाएं दूर होंगी.