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भारत ने कनाडा विवाद पर ऑस्ट्रेलिया से क्यों मांगी सलाह? जयशंकर ने बताई वजह

विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा विवाद पर ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग से मंगलवार को चर्चा की. इस चर्चा के बाद जयशंकर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा देश है, जिसके भारत और कनाडा से अच्छे संबंध हैं. इसलिए यह जरूरी था कि इस मामले पर ऑस्ट्रेलिया की राय ली जाए.

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ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री के साथ जयशंकर
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री के साथ जयशंकर

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justine Trudeau) ने जब से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. कनाडा और भारत के रिश्तों में तनाव साफ देखा जा सकता है. दोनों मुल्कों के बीच राजनयिक तनाव इस कदर बढ़ गया है कि विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा और खालिस्तानी मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया से चर्चा की है.

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जयशंकर ने मंगलवार को कनाडा और खालिस्तानी मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग से चर्चा की. इस चर्चा के बाद जयशंकर ने मीडिया को बताया कि हां, आज मैंने ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री से बात की. ऑस्ट्रेलिया के दोनों देशों (भारत और कनाडा) से अच्छे संबंध हैं. इसलिए यह जरूरी था कि इस मामले पर ऑस्ट्रेलिया की राय ली जाए.

उन्होंने कहा कि हमारे संदर्भ में मुख्य मुद्दा कनाडा में पनप रहा चरमपंथ और कट्टरपंथ है. मैंने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष से सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की. हमारे बीच आतंकवाद, कट्टरपंथ और चरमपंथ पर भी चर्चा हुई. 

ट्रूडो ने संसद में भारत पर लगाए थे आरोप

जस्टिन ट्रूडो ने 19 सितंबर को कनाडा की संसद में निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, 'बीते कुछ हफ्तों से कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर और भारत सरकार के संभावित कनेक्शन के विश्वसनीय आरोपों की सक्रिय तौर पर जांच कर रही है. कनाडा कानून का पालन करने वाला देश है. हमारे नागरिकों की सुरक्षा और हमारी संप्रभुता की रक्षा मौलिक है.'

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उन्होंने कहा था, 'हमारी शीर्ष प्राथमिकता यह रही है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां और कानून प्रवर्तन एजेंसियां सभी कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. इस हत्या के दोषियों को कटघरे में खड़ा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. कनाडा ने भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा उठाया है. पिछले हफ्ते मैंने जी20 में व्यक्तिगत तौर पर सीधे प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष यह मुद्दा उठाया था. किसी भी कनाडाई नागरिक की हमारी ही सरजमीं पर हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है.'

ट्रूडो ने कहा था, हम इस बेहद गंभीर मामले पर हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. मैं हर संभावित कड़े शब्दों में भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस मामले की तह तक जाने के लिए वह कनाडा के साथ सहयोग करें.

कौन था हरदीप सिंह निज्जर? 

निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था.

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ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था. 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी. भारत सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का ईनाम भी घोषित कर रखा था.

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