विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय अमेरिका के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की. ऐसी अटकलें थी कि दोनों के बीच कनाडा या निज्जर पर कोई चर्चा नहीं हुई. लेकिन अब कहा जा रहा है कि ब्लिंकन ने इस वार्ता के दौरान जयशंकर के समक्ष कनाडा का मुद्दा उठाया था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारत से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडा की जांच में सहयोग करने को कहा है. अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि ब्लिंकन ने जयशंकर के साथ अपनी मुलाकात में कनाडा का मुद्दा उठाया है और भारत सरकार से कनाडा की जांच में सहयोग करने को कहा है.
वहीं, जयशंकर ने इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को नसीहत दी थी. उन्होंने कनाडा का नाम लिए बगैर कहा था कि विदेशी ताकतों के दखल की वजह से लोकतंत्र खतरे में है.
क्या है मामला?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 19 सितंबर को कनाडा की संसद में निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि बीते कुछ हफ्तों से कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर और भारत सरकार के संभावित कनेक्शन के विश्वसनीय आरोपों की सक्रिय तौर पर जांच कर रही हैं. कनाडा कानून का पालन करने वाला देश है. हमारे नागरिकों की सुरक्षा और हमारी संप्रभुता की रक्षा करना हमारा मौलिक कर्तव्य है. हालांकि, कनाडाई सरकार की ओर से ऐसे कोई भी साक्ष्य सार्वजनिक नहीं किए गए हैं कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है.
इसके बाद कुछ दिनों पहले एक बार फिर ट्रूडो ने भारत पर लगाए आरोपों को दोहराया था. उन्होंने न्यूयॉर्क में कहा था कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि इन आरोपों को हाउस ऑफ कॉमन्स के पटल पर लाने का निर्णय हल्के में नहीं लिया गया था. इसे बहुत ही गंभीरता से लिया गया था. निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ है. मुझे लगता है कि एक निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली वाले देश के तौर पर यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम बेहद ईमानदारी के साथ काम करें.
ट्रूडो के आरोपों पर भारत का जवाब
वहीं कनाडा के डबल स्टैंडर्ड को भारत ने दुनिया के सामने एक्सपोज कर दिया है. कनाडा सरकार के आरोपों का भारत की तरफ से करारा जवाब दिया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हमने कनाडा की धरती पर आतंकवादी गतिविधियों के बारे में उन्हें जानकारी दी. लेकिन कनाडा ने कोई विशेष जानकारी (निज्जर की हत्या को लेकर) भारत के साथ शेयर नहीं की है. कनाडा आतंकवादी गतिविधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. उसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा, सबसे बड़ा मुद्दा कनाडा और पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित और समर्थित आतंकवाद है.
ट्रूडो ने आरोप लगाए, लेकिन सबूत नहीं दिए
ट्रूडो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. इसके जवाब में भारत ने भी कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. साथ ही भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सर्विस भी रोक दी है. ट्रूडो का कहना है कि निज्जर की हत्या में 'भारतीय एजेंट्स' का हाथ होने के पक्के सबूत हैं. हालांकि, ट्रूडो का यह दावा हवा हवाई साबित हो रहा है, क्योंकि अभी तक कनाडा की ओर से भारत को ऐसे कोई सूबत नहीं सौंपे गए हैं.
उधर, भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है. हालांकि, जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत ने कनाडा से कहा है कि वह निज्जर की हत्या पर दी गई किसी भी विशिष्ट या प्रासंगिक जानकारी पर गौर करने के लिए तैयार है. उधर, ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिका ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में गहराई से चिंतित है, इस जांच में कनाडा के साथ काम करना भारत के लिए अहम है.