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'ये तो उसके कर्मों का फल है, दुनिया को दोष मत दे...', सबसे बड़े मंच से विदेश मंत्री का पाकिस्तान पर कटाक्ष

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी वर्तमान स्थिति के लिए दुनिया को दोष नहीं देना चाहिए, उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल उसका कर्म है. उन्होंने कहा कि दूसरों की जमीन पर लालच करने वाले एक निष्क्रिय राष्ट्र को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए.

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते विदेशमंत्री जयशंकर
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते विदेशमंत्री जयशंकर

 विदेश मंत्री एस जयशंकर दुनिया के सबसे बड़े मंच UNGA से एक बार फिर से पाकिस्तान पर कटाक्ष किया और कहा कि ये देश अपने कर्मों की वजह से वैश्विक व्यवस्था में पीछे छूट जाने का रास्ता चुन रहा है. 

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एस जयशंकर ने कहा कि बहुत से देश परिस्थितियों के कारण पीछे रह जाते हैं, लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं जिनके परिणामस्वरूप भयानक नतीजे होते हैं. हमारे पड़ोसी पाकिस्तान इसका एक प्रमुख उदाहरण है. विदेश मंत्री ने कहा कि आज हम देखते हैं कि पाकिस्तान ने दूसरों पर जो बुराइयां थोपने की कोशिश की, वहीं बुराइयां आज पाकिस्तान को ही निगलने को तैयार है. वो बुराइयां ही उसके अपने समाज को नुकसान पहुंचा रही है. वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता. ये सिर्फ कर्मों का फल है.

विदेश मंत्री ने कहा कि  दुर्भाग्य से उनके कुकर्मों का असर दूसरों पर भी पड़ता है, खासकर पड़ोस पर. जब राजनीति अपने लोगों में कट्टरता भरती है, तो उनकी GDP को सिर्फ कट्टरपंथ और आतंकवाद के रूप में मापा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि दूसरों की जमीन पर लालच करने वाले एक निष्क्रिय राष्ट्र को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए. 

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'पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद कभी सफल नहीं होगा'

जयशंकर ने विशेष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधा, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से की. जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद कभी सफल नहीं होगा. उन्होंने पड़ोसी देश को उसके काम के परिणामों की चेतावनी दी. 

'PAK सजा से बचने की कोई उम्मीद न करे' 

जयशंकर ने कहा कि हमने कल इसी मंच (UNGA) से कुछ विचित्र दावे सुने. मैं भारत की स्थिति को बहुत स्पष्ट कर दूं. सीमा पार आतंकवाद की पाकिस्तान की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे दंड से बचने की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए. जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि हमारे बीच समाधान किया जाने वाला मुद्दा ये है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराना. 

पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कही थी ये बात

बता दें कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को यूएनजीए में अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से करते हुए कहा था कि लोगों ने अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और "कश्मीरी लोगों की इच्छाओं" के अनुसार बातचीत करने का आग्रह किया. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ये भी दावा किया कि भारत ने आपसी रणनीतिक संयम व्यवस्था के लिए पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, उन्होंने भारतीय नेतृत्व पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान "आजाद कश्मीर" कहता है.

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शहबाज की टिप्पणियों की भारत ने तीखी आलोचना की

शहबाज शरीफ की टिप्पणियों की भारत ने तीखी आलोचना की. भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने उसी मंच पर पलटवार करते हुए कहा कि "जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ एक हथियार के रूप में सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया है. यह लिस्ट काफी लंबी है. ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बोलना सबसे बड़ा पाखंड है. 

जयशंकर ने कई मुद्दों पर रखी अपनी बात

इस बीच एस जयशंकर ने अपने यूएनजीए भाषण के दौरान गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी बात की. जयशंकर ने 79वें यूएनजीए थीम  'लीविंग नो-वन विहाइंड' का समर्थन करते हुए कहा कि हम यहां एक कठिन समय में एकत्र हुए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र को दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कदम उठाना चाहिए, उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह विदेशी प्रभावों की प्रतिस्पर्धा है, बल्कि इसलिए कि अगर हम इसी तरह चलते रहे, तो दुनिया की स्थिति और खराब हो जाएगी.

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