जापान की सरकार का कहना है कि वह टोक्यो छोड़ने वाले परिवारों को प्रति बच्चे के हिसाब से एक मिलियन येन (करीब 6,34,377 रुपये) देगी. अगर कोई परिवार 2 बच्चों के साथ टोक्यो छोड़ता है, उसे 12 लाख से अधिक मिलेंगे. इसे सरकार की एक बड़ी पहल माना जा रहा है. इस स्कीम के तहत, सरकार लोगों को छोटे कस्बों और गांवों में रहने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. बीते साल अप्रैल में ही ट्रांसफर फीस इन्सेंटिव के बारे में जानकारी दे दी गई थी. तब उन इलाकों में लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने को भी प्रोत्साहित किया गया था, जहां जन्म दर कम हो गई है.
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जापानी मीडिया का कहना है कि सरकार इस पहल के जरिए देश के कम आकर्षक क्षेत्रों को विकास के पथ पर लाना चाहती है. इससे आने वाले दिनों में काफी दबाव झेल रहे टोक्यो की आबादी में कुछ कमी आएगी. इस योजना को लागू करने से पहले सरकार का ऐसा मानना था कि टोक्यो की आबादी को कम करने के लिए यहां के लोगों को कम मशहूर कस्बों और शहरों में भेजा जाएगा. ताकि वो छोटे शहरों में एक नई जिंदगी शुरू कर सकें.
कोरोना वायरस के कारण कम हुई थी आबादी
ऐसा कहा गया कि लोग सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर ग्रेटर टोक्यो को छोड़ देंगे. सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि पहाड़ी इलाकों पर जाने वाले लोगों को प्रोत्साहन राशि यानी इन्सेंटिव दी जाएंगी. हालांकि कोरोना वायरस महामारी के चलते टोक्यो की आबादी में कुछ कमी भी आई है. बीते साल पहली बार यहां की आबादी कम हुई थी. लेकिन ये उतनी भी कम नहीं हुई कि सरकार को अपनी योजना बदलनी पड़े.
2021 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, 1,184 परिवारों को पुनर्वास सहायता मिल चुकी है. स्कीम का लाभ उठाने वाले परिवारों की संख्या 2019 में 71 थी और 2020 में 290 हो गई थी. सरकार अब एक बार फिर लोगों को इस पहल का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सरकार का उद्देश्य 2027 तक ग्रामीण इलाकों में शिफ्ट होने वाले परिवारों की संख्या 10,000 तक करना है.