भारत में सत्ता परिवर्तन के बाद जापान नरेंद्र मोदी से अपने अच्छे संबंधों का फायदा उठाने की कोशिश में लग गया है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी वाले देश ने केंद्र सरकार से भारत में काम कर रही जापानी कंपनियों को टैक्स में भारी छूट देने की अपील कर डाली है. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने यह खबर दी है.
जापान ने कहा है कि उसकी कंपनियों पर बकाया 300 करोड़ रुपये (3 बिलियन डॉलर) के टैक्स बिल 'अनुचित' और 'पक्षपाती' हैं, इसलिए इन्हें वापस लिया जाए. जापान ने इशारों में धमकी देते हुए यह भी कहा है कि वित्त वर्ष 2014 के इन टैक्स बिलों का आगे चलकर भारत में जापानी निवेश पर असर पड़ सकता है. जापान सरकार ने भारत के वित्त और वाणिज्य मंत्रालय को इस आशय की चिट्ठी भेजी है.
अखबार ने लिखा है कि जुलाई के पहले हफ्ते आने वाले आम बजट से टोक्यो को काफी उम्मीदें हैं. गौरतलब है कि जापानी कंपनी मित्सुबिशी को 200 करोड़ और होंडा को 60 करोड़ रुपये का टैक्स देना है, जिसे जापान माफ करवाना चाहता है.
जापानी दूतावास में आर्थिक विभाग के मंत्री तमाकी सुकादा ने अंग्रेजी अखबार से कहा, 'इन टैक्स डिमांड से जापानी कंपनियों के हित प्रभावित हुए हैं और भारत में निवेश करने के लिहाज से खीझ पैदा हुई है.'
गौरतलब है कि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी यह चिंता जताई थी. लेकिन सुकादा कहते हैं कि मामला अनसुलझा ही रहा.