इराक में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी हमला तेज कर दिया है वहीं, सुन्नी आतंकवादियों के संगठन का नेतृत्व करने वाले जिहादियों ने अपने कब्जे वाले इलाकों में ‘‘खलीफा का शासन’’ घोषित कर दिया है.
अल कायदा से अलग हुए गुट इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवांट (आईएसआईएल) ने सीरिया और इराक में अपने कब्जे वाले इलाके को औपचारिक रूप से इस्लामी देश घोषित किया है. इस समूह ने उत्तर सीरिया के अधिकतर इलाकों और इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है.
आईएसआईएल के प्रवक्ता अबु मोहम्मद अल अदनी ने ऑनलाइन जारी ऑडियो बयान में यह घोषणा की. इस्लामी चरमपंथी लंबे समय से इस्लामिक राज्य बनाने का सपना देख रहे थे जिनका मध्य पूर्व में लंबे समय तक शासन रहा है.
अदनी ने कहा कि उनके गुट के मुखिया अबु बकर अल बगदादी इस्लामी देश के नये नेता या खलीफा हैं. उन्होंने संगठन के नियंत्रण वाले इलाके में रह रहे लोगों से कहा है कि वो अल बगदादी के प्रति निष्ठा की शपथ लें और उनका समर्थन करें.
रूस ने भेजे लड़ाकू विमान
बहरहाल रूस ने संकट में फंसे बगदाद को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की है. इराक में पिछले कुछ हफ्ते से चल रहे संकट के दौरान एक हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.
दुनियाभर के नेताओं ने चेतावनी दी है कि सांप्रदायिक रूप से बंटे वर्गों के बीच संघर्ष का सैन्य समाधान नहीं हो सकता.
इस बीच, चौतरफा घिरे इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने कहा है कि संकट को खत्म करने के लिए राजनीतिक समाधान जरूरी है वहीं उनके सुरक्षा प्रवक्ता का कहना है कि तिकरित अभियान न केवल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि सुरक्षा बलों के नैतिक मनोबल को उंचा करने के लिए भी जरूरी है.