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AI के खतरे को लेकर व्हाइट हाउस में हुई बैठक, टॉप कंपनियों के CEO से मिले बाइडेन, चैट जीपीटी का किया इस्तेमाल

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और ओपन एआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात की और एआई से होने वाले जोखिमों पर चर्चा की. हाल के दिनों में एआई चर्चाओं में बना हुआ है. और इससे नौकरियों पर पड़ने वाले संकट को लेकर कई तरह की बातें भी हो रही हैं.

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शीर्ष एआई कंपनियों के CEOs से मिले बाइडेन
शीर्ष एआई कंपनियों के CEOs से मिले बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में दुनिया की शीर्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की और एआई के संभावित जोखिमों और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की. बैठक में अल्फाबेट इंक की Google और Microsoft सहित शीर्ष एआई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया. जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस साल चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमें चैटजीपीटी जैसे ऐप लोगों को आकर्षित कर रहे हैं.

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नुकसान और फायदा दोनों

कंपनियों के बीच इसी तरह के उत्पादों को लॉन्च करने की होड़ मची हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि एआई से काम करने का सिस्टम ही बदल जाएगा. लाखों यूजर्स ने ऐसे उपकरणों का परीक्षण करना शुरू कर दिया है, जो समर्थक दावा कर रहे हैं कि एआई की मदद से बीमारी के इलाज में मदद हो सकती है, पटकथा लिखी जा सकती है, कानूनी सहायत और डिबग सॉफ़्टवेयर बन सकते हैं. वहीं इस बात की भी चिंता बढ़ रही है कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कैसे गोपनीयता भंग हो सकती है और नौकरियों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.

बाइडेन  ने किया चैट जीपीटी का इस्तेमाल

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने रायटर को बताया कि बाइडेन ने बैठक में चैटजीपीटी का इस्तेमाल भी किया. नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, 'उन्हें चैटजीपीटी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है और उन्होंने इसका इस्तेमाल किया.' यह बैठक दो घंटे तक चली और इसमें Google के सीईओ सुंदर पिचाई, Microsoft के सत्य नडेला, OpenAI के सैम ऑल्टमैन और एंथ्रोपिक के डारियो अमोदी शामिल रहे. इसके अलावा, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और बाइडेन के चीफ ऑफ स्टाफ जेफ ज़िएंट्स, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन, राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक लेल ब्रेनार्ड और वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो भी बैठक में मौजूद रहे.

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कमला हैरिस ने एक बयान में कहा कि टेक्नोलॉजी में जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता है, लेकिन यह सुरक्षा, गोपनीयता और नागरिक अधिकारों के लिए चिंता पैदा कर सकती है. उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से कहा कि उनके पास अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए "कानूनी जिम्मेदारी" है और इनके उपयोग में कानूनों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

AI को लेकर निवेश करेगा अमेरिका

बैठक से पहले, OpenAI के ऑल्टमैन ने मीडिया से कहा कि यह (AI) निश्चित रूप से एक चुनौती होने जा रहा है, लेकिन मुझे यकीन है कि हम इसे संभाल सकते हैं. प्रशासन ने सात नए एआई अनुसंधान संस्थानों को लॉन्च करने के लिए नेशनल साइंस फाउंडेशन से 140 मिलियन डॉलर के निवेश की भी घोषणा की. प्रशासन ने कहा कि व्हाइट हाउस का प्रबंधन और बजट कार्यालय सरकार द्वारा एआई के उपयोग पर नीतिगत मार्गदर्शन जारी करेगा. एंथ्रोपिक, गूगल, हगिंग फेस, एनवीडिया कॉर्प, ओपनएआई और स्टेबिलिटी एआई सहित प्रमुख एआई डेवलपर्स अपने एआई सिस्टम के सार्वजनिक मूल्यांकन में हिस्सा लेंगे.

बाइडेन के फिर से चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश करने के तुरंत बाद, रिपब्लिकन नेशनल कमेटी ने बाइडेन के दूसरे कार्यकाल की विशेषता वाला एक वीडियो तैयार किया, जिसे पूरी तरह से एआई इमेजरी के साथ बनाया गया था. एआई टेक्नोलॉजी के प्रसार के साथ ऐसे राजनीतिक विज्ञापनों के भी बढ़ने की उम्मीद है. जहां यूरोपीय सरकारों द्वारा तकनीकी विनियमन के दुरुपयोग और गलत सूचना देने को लेक सख्त नियम बनाए गए हैं, वहीं अमेरिका ने इस मामले में लचीला रूख अपनाया है.

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नुकसान होने की भी आशंका

फरवरी में, बाइडेन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें संघीय एजेंसियों को उनके एआई उपयोग में पूर्वाग्रह को खत्म करने का निर्देश दिया गया था. बाइडेन प्रशासन ने एक एआई बिल ऑफ राइट्स रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क भी जारी किया था. टेक दिग्गजों ने कई बार कहा है कि कि चुनावों के प्रोपगेंडा, COVID-19 टीकों के बारे में फर्जी खबरों, पोर्नोग्राफी और बाल शोषण, और जातीय समूहों को लक्षित करने वाले घृणित संदेश का मुकाबला करने के लिए उन्होंने मैकेनिज्म तैयार किया है. लेकिन हकीकत ये है कि वो इसमें असफल रहे हैं.

 

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