scorecardresearch
 

जो हिजाब न पहने, वह महिला वेश्या हैः फतवे को आधार बना जॉर्डन की कोर्ट ने सुनाया फैसला

जो महिला अपना चेहरा हिजाब में नहीं छिपाती है, वह वेश्या है. यह फैसला है जॉर्डन के कोर्ट का. इस घटिया फैसला का पूरी दुनिया में विरोध हो रहा है.

Advertisement
X
हिजाब को लेकर कोर्ट के इस फैसला का महिला संगठन कर रहे हैं जमकर विरोध
हिजाब को लेकर कोर्ट के इस फैसला का महिला संगठन कर रहे हैं जमकर विरोध

जो महिला अपना चेहरा हिजाब में नहीं छिपाती है, वह वेश्या है. यह फैसला है जॉर्डन के कोर्ट का. इस घटिया फैसला का पूरी दुनिया में विरोध हो रहा है.

Advertisement

अपने फैसले में कोर्ट ने उस फतवे का समर्थन किया है, जिसमें कहा गया था कि हिजाब न पहनने वाली महिला बुरे चरित्र की और वेश्या के समान है. कहा गया कि ऐसी महिला को कोर्ट में बयान देने के लिए पात्र नहीं माना जा सकता.
इस फैसले के बाद जॉर्डन की महिला अधिकारों वाली यूनियन गुस्से से भड़क उठी है. एक बयान में यूनियन ने कोर्ट के फैसले को महिलाओं के खिलाफ बताया और कहा कि यह जॉर्डन के संविधान का उल्लंघन करता है. यूनियन के मुताबिक संविधान आदमी और औरत की बराबरी की बात करता है.

मसला कुछ यूं है कि एक वकील ने एक महिला के कोर्ट में दिए बयान का विरोध किया. इसका आधार बनाया गया हिजाब का न पहनना. वकील के मुताबिक ऐसी महिला ईमानदार नहीं हो सकती. अम्मान की शरीया कोर्ट ने वकील की इस अपील को वाजिब ठहराया. कोर्ट ने एक फतवे को अपने फैसले का आधार बनाया.

Advertisement

यूनियन का कहना है कि महिलाएं क्या पोशाक पहनती हैं, यह उनका निजी मामला है. जब तक इससे कोई कानून भंग नहीं होता, कोई इसे चुनौती नहीं दे सकता. यूनियन ने मांग की कि कोर्ट अपना फैसला वापस ले और पर्सनल स्टेटस लॉ को रिवाइज किया जाए.

Advertisement
Advertisement