भारत के बैंकों से करोड़ों का कर्ज लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या बुधवार को लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट में उनकी पेशी प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई को लेकर हुई. सुनवाई में जजों ने भारत के अधिकारियों की ओर से मुंबई की आर्थर रोड जेल में माल्या के लिए की गई तैयारी का वीडियो देखा और समीक्षा की. वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जजों ने बैरक का तीन बार वीडियो देखा.
सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने अदालत में कहा कि 'किंगफिशर को आर्थिक तौर पर एक कामयाब कंपनी मानते हुए कर्ज लिया गया था. वकील ने किंगफिशर की घटना को साधारण और ईमानदार कारोबारी नाकामी बताते हुए दावा किया कि माल्या ने जो कुछ भी किया वह ब्रिटेन में आपराधिक कृत्य नहीं माना जाता.'
माल्या के वकील ने यह दरख्वास्त करते हुए कहा कि बैरक का वीडियो कोर्ट में न दिखाया जाए. उसने अदालत से कहा कि किंगफिशर की प्रतिस्पर्धी कंपनियां भी वैश्विक मंदी के चलते घाटे में हैं.
इससे पहले अदालत में दाखिल होते हुए माल्या ने पत्रकारों से कहा कि 'मैंने मामले के पूरी तरीके से सेटलमेंट के लिए कर्नाटक कोर्ट में अपील की है और मुझे उम्मीद है कि माननीय जज इसको ध्यान में रखते हुए मेरे पक्ष में फैसला सुनाएंगे. सभी का हिसाब चुकता कर दूंगा और मुझे लगता है यही मुख्य मकसद है.'
Obviously, that is why a settlement offer has been made. The hearing is on 18th September: Vijay Mallya, outside Westminster Magistrates Court in London, when asked if he has convinced the Court the he has the means to pay what he said he will. pic.twitter.com/zoIgV6zIIV
— ANI (@ANI) September 12, 2018
माल्या ने यह भी कहा कि ' आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों को किंगफिशर के घाटे के बारे में पता था. बैंक अधिकारियों के ई-मेल से साफ है कि घाटे के बारे में सरकार की ओर से लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं.
IDBI bank officials were well aware of losses at Kingfisher. E-mail from IDBI officials show that govt accusation that Vijay Mallya hid losses, is baseless: Lawyer of Vijay Mallya tells Westminster Magistrates Court in London (file pic - Vijay Mallya) pic.twitter.com/obMn2mTqbb
— ANI (@ANI) September 12, 2018
माल्या और उसके किंगफिशर एयरलाइंस और अन्य ने कई बैंकों से कर्ज लिया था और फिलहाल उसके खिलाफ ब्याज समेत 9,990 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम बकाया है.
ईडी और सीबीआई ने उसके खिलाफ कथित कर्ज अदायगी उल्लंघन मामले दर्ज किए हैं. नए कानून के तहत मामला लंबित रहने के दौरान आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जा सकती है. उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है और उसकी संपत्तियां जब्त करने की तैयारी है.