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अफगानिस्तान के काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए हमले में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई. ISIS-K द्वारा किए गए इस आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई है. हमले के बाद अब शुक्रवार को एक बार फिर काबुल एयरपोर्ट से रेस्क्यू मिशन शुरू हो गया है. ब्लास्ट के बाद आई काबुल से तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है और तालिबानी शासन का असली चेहरा सभी के सामने रख दिया है. हालांकि, इस हमले में कई तालिबानी लड़ाकों के मारे जाने की भी खबर है. पढ़ें, अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर अपडेट्स...
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बड़े अपडेट्स:
8:00 PM: रूस ने देश में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद अनिश्चित भविष्य का सामना करने वाली अफगान महिलाओं के समर्थन में एक प्रदर्शन आयोजित करने के लिए दो एक्टिविस्ट्स पर जुर्माना लगाया है. मॉस्को में प्रेस्नेंस्की जिला अदालत के एक प्रवक्ता ने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया कि दो एक्टिविस्ट्स पर सार्वजनिक आदेश का उल्लंघन करने के लिए 200,000 रूबल का जुर्माना लगाया गया है.
7:00 PM: बागची ने यह भी कहा कि हमारा आकलन यह है कि लौटने की इच्छा रखने वाले ज्यादातर भारतीयों को निकाल लिया गया है. कुछ और के अफगानिस्तान में होने की संभावना है. मेरे पास इसकी सटीक संख्या नहीं है.''
6:00 PM: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों के जरिए से भारतीय नागरिकों को निकालने में भी मदद की है. हम अमेरिका, ताजिकिस्तान जैसे विभिन्न देशों के संपर्क में बने हुए थे.'' उन्होंने कहा कि अब तक ज्यादातर भारतीयों को निकाला जा चुका है.
4:30 PM: चीन ने काबुल हवाई अड्डे पर घातक आत्मघाती हमलों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति जटिल और गंभीर बनी हुई है और बीजिंग अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ आतंकवादी खतरों से निपटने और युद्ध से तबाह देश को आतंकवाद का अड्डा बनने से रोकने के लिए काम करेगा.
3:30 PM: काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाकों के अगले दिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर वे इस समय राष्ट्रपति होते तो काबुल धमाके नहीं होते. लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "यह त्रासदी कभी नहीं होनी चाहिए थी, यह कभी नहीं होनी चाहिए थी, और यह नहीं होती, अगर मैं आपका राष्ट्रपति होता.''
02.30 PM: ब्रिटेन और स्पेन की ओर से बयान दिया गया है कि वह शुक्रवार को ही अफगानिस्तान से अपना रेस्क्यू अभियान खत्म कर देंगे. ब्रिटेन ने जहां कुछ घंटों में अभियान खत्म करने की बात कही है, वहीं स्पेन का कहना है कि उन्हें सिर्फ 1000 लोगों बाहर निकालना बाकी बचा है.
01.30 PM: एक तरफ जहां दुनिया तालिबान के खिलाफ खड़ी होती दिख रही है, तो वहीं इस बीच तुर्की ने तालिबान के साथ बातचीत शुरू कर दी है. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन द्वारा कहा गया है कि तालिबान के साथ काबुल में बातचीत हुई है.
12.20 PM: शुक्रवार को काबुल एयरपोर्ट पर रेस्क्यू ऑपरेशन एक बार फिर शुरू हो गया है. बीते दिन हुए हमलों के बाद यहां से लोगों का निकलना जारी है. अधिकतर देशों ने अभी तक 31 अगस्त की डेडलाइन लागू की हुई है, ऐसे में आखिरी कुछ दिनों में तेज़ी से लोगों को निकाला जा रहा है.
11.00 AM: अमेरिका द्वारा एक बार फिर काबुल एयरपोर्ट के पास हमले की चेतावनी दी गई है. अमेरिका ने अपने सभी नागरिकों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 31 अगस्त तक ऐसे हमलों की संख्या बढ़ सकती है.
10.51 AM: तालिबान की ओर से दावा किया गया है कि करीब उनके 28 लड़ाके सीरियल ब्लास्ट में मारे गए हैं. ये सभी काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा में लगे हुए थे, जिस वक्त ये ब्लास्ट हुआ. तालिबान का कहना है कि हमने इस ब्लास्ट में अमेरिका से ज्यादा अपने लोगों को गंवाया है.
10.00 AM: पंजशीर के परवान इलाके में गुरुवार को नॉर्दर्न एलायंस और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच मुलाकात हुई है. दोनों पक्षों ने सीजफायर कर अभी बातचीत की ओर रुख किया है.
08.15 AM: अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि तालिबान अपना लिंक ISIS से मना कर रहा है, ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे पाकिस्तान क्वेटा को लेकर दावा करता है. हर सबूत बताता है कि ISIS-K की जड़ों में तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क है.
08.00 AM: काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद भी ब्रिटेन वहां से लोगों को निकालना जारी रखेगा. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसका ऐलान किया है. अमेरिका भी अपना रेस्क्यू मिशन 31 अगस्त तक जारी रख सकता है.
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अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में लोगों का निकलना जारी है, गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर जहां हजारों की संख्या में लोग विदेश जाने के लिए तैयार थे. उसी जगह पर ये तीन ब्लास्ट हुए है, इनमें से पहला ब्लास्ट सुसाइड अटैक था जिसकी पुष्टि अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने की थी.
गुरुवार सुबह ही दी गई थी चेतावनी
ये आतंकी हमला तब हुआ था जब गुरुवार सुबह ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को इसके बारे में चेतावनी दी थी. सभी देशों ने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट से दूर जाने को कहा था, क्योंकि आतंकी हमले का खतरा था. इस चेतावनी के कुछ घंटों बाद ही काबुल एयरपोर्ट पर इतना भयावह हमला हो गया.
अमेरिका ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है, साथ ही चेतावनी भी दी है कि आतंकियों को इस हमले की कीमत चुकानी होगी. बीते दिन हमले के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम में पहुंचे, जहां से वो लगातार हर गतिविधि पर नज़र रख रहे थे. बता दें कि ये बीते 20 साल में अमेरिकी सेना पर हुआ इस तरह का सबसे बड़ा आतंकी हमला में से एक है.
तालिबान ने भी हमले की निंदा की
जिस आतंकी संगठन के हाथ में अब पूरे देश की कमान है, उस तालिबान ने भी इस हमले की निंदा की है. तालिबान की ओर से हमले के तुरंत बाद बयान देकर कहा गया कि जिन जगहों पर ये अटैक हुआ है, वहां पर अमेरिकी सेना का कंट्रोल है, ऐसे में सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उन्हीं की है. तालिबान का कहना है कि ये हमले उनके द्वारा नहीं किया गया है.
तालिबान द्वारा इस आतंकी हमले के पीछे ISIS का हाथ बताया गया है, जो कुछ हदतक अफगानिस्तान में भी एक्टिव है. तालिबान का शासन आने के बाद अफगानिस्तान में इस तरह के आतंकी संगठनों का हौसला बढ़ा है और जिसका अब असर भी दिखने लगा है.