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कैलाश सत्‍यार्थी और मलाला यूसुफजई को आज मिलेगा शांति का नोबेल पुरस्‍कार

अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर भारत और पाकिस्‍तान के बीच तल्‍खी बढ़ी है. लेकिन दोनों राष्‍ट्रों से अमन के दो चेहरों को बुधवार को दुनिया के सर्वोच्‍च सम्‍मान नोबेल शांति पुरस्‍कार से नवाजा जाएगा. भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को यह पुरस्‍कार नार्वे की राजधानी ओस्लो में दिया जाएगा.

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कैलाश सत्‍यार्थी और मलाला यूसुफजई
कैलाश सत्‍यार्थी और मलाला यूसुफजई

अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर भारत और पाकिस्‍तान के बीच तल्‍खी बढ़ी है. लेकिन दोनों राष्‍ट्रों से अमन के दो चेहरों को बुधवार को दुनिया के सर्वोच्‍च सम्‍मान नोबेल शांति पुरस्‍कार से नवाजा जाएगा. भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को यह पुरस्‍कार नार्वे की राजधानी ओस्लो में दिया जाएगा.

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नोबेल शांति पुरस्‍कार की घोषणा करीब दो महीने पहले हो गई थी, लेकिन अब बारी है इन्हें साझे तौर पर नवाजे जाने की. यकीनन बुधवार को जब कैलाश सत्‍यार्थी और मलाला यूसुफजई को यह सम्‍मान मिलेगा, तब नोबेल पुरस्‍कारों के इतिहास में एक नया अध्‍याय भी जुड़ जाएगा.

बचपन बचाओ आंदोलन के अगुवा कैलाश सत्यार्थी भारत में जन्मे पहले शख्स होंगे, जिन्हें शांति का नोबल पुरस्कार मिला है. वहीं, तालिबानी हमले के बाद से सुर्खियों में रही मलाला पाकिस्तान से शांति का नोबेल पाने वाली पहली शख्सियत होंगी. यही नहीं, उनका नाम सबसे कम उम्र की नोबेल विजेता के रूप में भी दर्ज होगा.

'पिता की तरह हैं कैलाश सत्‍यार्थी'
पाकिस्‍तान की मलाला यूसुफजई भारत के कैलाश सत्यार्थी को पिता के समान बताती है, वहीं सत्यार्थी भी मलाला को अपनी बेटी मानते हैं. भारत और पाकिस्तान के इन दो चेहरों को नोबेल का साझा सम्मान ऐसे समय में मिल रहा है, जब दोनों देशों के बीच सत्ता से लेकर सरहद तक रिश्ते तल्ख हैं.

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नोबेल पुरस्कार के ऐलान के बाद मलाला ने ख्वाहिश जाहिर की थी कि पुरस्कार के वक्त भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मौजूद रहें. यकीनन इसके पीछे दोनों देशों के बीच अमन का नया रास्ता खोजने की चाहत होगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.

बहरहाल, कैलाश और मलाला दोनों के लिए बुधवार का दिन अहम है. इसलिए नहीं कि बड़ा सम्मान मिल रहा है बल्‍कि‍ इसलिए भी कि इसके साथ नई चुनौतियां भी सामने होंगी. हालांकि साझे सम्मान के साथ साझी मुहिम के हौसले भी बुलंद हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती दोनों देशों के बीच स्‍थाई रूप से अमन का रास्‍ता ढूंढ़ने की भी होगी.

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