डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और सीनेटर कमला हैरिस को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत रिपब्लिकन्स से कड़ी आलोचना और उपहास का सामना करना पड़ा. दरअसल, हैरिस ने लेफ्ट की ओर उनके कथित झुकाव को लेकर एक इंटरव्यू में पूछे गए सवाल का जवाब जोरदार हंसी से दिया था.
ट्विटर के बैटलग्राउंड स्टेट पर भी हैरिस की जोर से हंसने के लिए की कटु आलोचना की गई और उन्हें काफी भला-बुरा कहा गया. दरअसल, सीबीएस रिपोर्टर नोरा ओ’डॉनेल ने हैरिस से पूछा था कि क्या वह एक प्रगतिशील एजेंडे को आगे बढ़ाएंगी, क्योंकि उन्हें निष्पक्ष स्वतंत्र कांग्रेशनल वोट ट्रैकर GovtTrack.us. ने ‘सबसे उदार सीनेटर’ का तमगा दिया है.
ओ’डोनेल ने जब उनके उदार होने संबंधी बयान से स्टेज सेट किया तो हैरिस सवाल के लिए तैयार नहीं दिखीं और असहजता में हंसने लगीं. हैरिस ने कहा कि ये उपराष्ट्रपति माइक पेंस थे जिन्होंने डिबेट के दौरान उन्हें उदार कहा था.
रिपोर्टर ने जोर दिया और जानकारी के सोर्स के तौर पर GovTrack का हवाला दिया, और कहा कि हैरिस ने ग्रीन न्यू डील, मेडिकेयर-फॉर-ऑल और मारिजुआना को वैध बनाने का समर्थन किया था, जबकि डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने ऐसा नहीं किया था. इस पर सीनेटर ने अपने रिकॉर्ड का बचाव किया.
ओ’डोनेल ने जब पूछा कि "क्या यह एक समाजवादी परिप्रेक्ष्य है?" तो हैरिस की फिर हंसी फूट पड़ी. समाजवाद अमेरिकी राजनीति में जिस तरह से एक बुरा शब्द है, रूढ़िवाद या संरक्षणवाद नहीं है. अमेरिकी राजनेता चरम दक्षिणपंथी पोजीशन्स का समर्थन कर सकते हैं और सवालों का सामना नहीं कर सकते हैं, लेकिन जो कोई भी कार्यकर्ता और यूनियनों के बारे में बात करने की हिम्मत करता है, उसे समाजवादी करार दिया जा सकता है और उसे प्रहारों का सामना करना पड़ता है.
हैरिस थोड़ा भावुक हो गईं और उन्होंने बताया, "यह अमेरिका में एक अश्वेत बच्चे को पालने वाली महिला का नजरिया है, जो एक अभियोजक भी थी, जिसकी मां 19 साल की उम्र में भारत आई थी, जिसे हिप हॉप भी पसंद है.” उन्होंने अपनी बात फिर दबी मुस्कान के साथ खत्म की.
कमला हैरिस की हंसी मखौल का विषय बन गई है. जब इसके लिए समय उपर्युक्त नहीं होता उनकी असहज हंसी का फूटना मीम्स और काउंटर मीम्स को जन्म देता है.
रिपब्लिकन डिजिटल हॉक्स हमेशा कमला हैरिस को नकारात्मक रूप से पेश करने के लिए तैयार रहते हैं. इसके लिए वे एक लंबी बातचीत से एक विशेष क्लिप को निकाल कर इस्तेमाल कर सकते हैं. कमला हैरिस की हंसी को लेकर ट्विटर पर कुछ प्रतिक्रियाएं पूरी तरह कुटिल थीं.
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार की रैली में कमला हैरिस की हँसी का मज़ाक उड़ाया, वहीं उनकी "रैपिड रिस्पॉन्स टीम" ने इस घटना के बारे में ट्विटर पर पोस्ट की बाढ़ ला दी. दो दिन पहले, ट्रंप ने बिना हैरिस का नाम लिए कहा था कि ‘’अमेरिका कभी "समाजवादी" राष्ट्रपति को नहीं देखेगा, "विशेष रूप से एक महिला समाजवादी.” किसी भी परिभाषा से इस तरह के हमले को लैंगिक भेदभाव वाला माना जाएगा.
ट्रंप ने क्या कहा था?
पिछले महीने, डोनाल्ड ट्रंप ने हैरिस के संदर्भ में कहा था, "अगर कोई महिला संयुक्त राज्य अमेरिका की पहली राष्ट्रपति बनने जा रही है, तो यह वो नहीं हो सकतीं." बता दें कि डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन संकेत दे चुके हैं कि वे चुने गए तो एक कार्यकाल के लिए ही राष्ट्रपति होंगे.
यह एक हथकंडा है जिसका रिपब्लिकन्स अभिमान के साथ इस्तेमाल करते हैं. 2020 में व्हाइट हाउस के लिए लड़ाई ऐसे स्तर तक आ गिरी है जिसकी एक दशक पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. स्त्री-द्वेष, खास वर्ग को समझ आने वाले कूट संदेश और पूर्ण झूठ, ये सब अब आम है.
ट्रंप कैम्पेन की ओर से हैरिस को 2020 हिलेरी क्लिंटन की तरह पेंट किए जाने की कोशिश की जा रही है- नापसंद किए जाने वाली और समाजवादी. 2016 में, हिलेरी क्लिंटन हार गईं क्योंकि कई श्वेत पुरुषों और यहां तक कि महिलाओं ने उन्हें विभिन्न कारणों से वोट नहीं दिया. सामान्य तौर पर अमेरिका के एक महिला राष्ट्रपति के लिए तैयार नहीं होने के अलावा, ट्रंप ने नौकरियों के नुकसान के सवाल पर हिलेरी क्लिंटन से बेहतर खुद को श्वेत कामकाजी पुरुषों से जोड़ा था. ट्रंप ने कामयाबी से हिलेरी क्लिंटन को विशेषाधिकार प्राप्त शख्स बताया जो लोगों के जीवन से कटी हुई हैं. हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप के समर्थकों में से आधों को ‘बुरों की टोकरी’ से संबंधित बताया, लेकिन ऐसा कहना उनके काम नहीं आया.
जो बिडेन और कमला हैरिस ने हिलेरी क्लिंटन की स्पष्ट गलतियों को दूर करने की पूरी कोशिश की है, लेकिन 2020 का फाइट क्लब बदसूरत है और यहां कोई नियम नहीं है. इसके अलावा, एक महामारी है जो जो बिडेन को प्रतिबंधित करती है, लेकिन ट्रंप को नहीं, क्योंकि राष्ट्रपति को इसकी परवाह नहीं है.
क्या कहते हैं भारतीय अमेरिकी वोटर?
हैरिस की हंसी को लेकर रिपब्लिकन्स की प्रतिक्रिया पर एक भारतीय अमेरिकी वोटर ने कहा,"रिपब्लिकन हताश हैं क्योंकि वे हार रहे हैं. वे बस चीजों को फेंक रहे हैं कि आखिर कौन सी टिकती है.” इस वोटर ने पहचान नहीं खोलने की शर्त पर कहा, “वे नरम नस्लवाद में लिप्त हैं और उन्हें बाहर बुलाया जाना चाहिए."
दिलचस्प बात यह है कि हैरिस, हाउस स्पीकर नैन्सी पलोसी और नामचीन पत्रकारों जैसी महिला नेताओं पर ट्रम्प के हमले महिला वोटर्स को अलग कर रहे हैं. बैटलग्राउंड राज्यों में ये तथ्य अहम भूमिका निभा सकता है. महिला मतदाताओं ने क्लिंटन पर ट्रंप को नौ प्रतिशत पाइंट्स की बढ़त दी थी. चुनाव को ट्रैक करने वाली वेबसाइट FiveThirtyEight के मुताबिक इस बार ट्रंप इस मामले में बिडेन से 6 पाइंट्स पीछे हैं.
भारतीय अमेरिकी वोटर ने कहा, "रिपब्लिकन कुछ भी नहीं से ‘लम्हा’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हैरिस को एक समाजवादी के रूप में लेबल करना अवास्तविक है. यह जारेड कुशनर (ट्रम्प के दामाद) के यह कहने की तरह है कि अश्वेत लोग कामयाब नहीं होना चाहते और और जोर देना कि वे पर्याप्त मेहनत नहीं करते हैं."
3 नवंबर से पहले और आएगी कड़वाहट?
फॉक्स न्यूज पर एक इंटरव्यू में अश्वेत लोगों को लेकर स्टीरियोटाइप सुनाई देते हुए कुशनर लड़खड़ाए. उन्होंने कहा कि अश्वेत सफल होना चाहते हैं क्योंकि ट्रंप की नीतियां इस तरह डिजाइन थीं कि उन्हें गरीबी के चक्र से निकलने में मदद मिल सके.
कांग्रेस महिला सदस्य ग्वेन मूर की इस संबंध में तीखी प्रतिक्रिया गौर करने लायक है. उन्होंने कहा, “ओह। फ़ंड बेबी स्लमलॉर्ड कुशनर पर भरोसा कीजिए, जिन्होंने व्हाइट हाउस पर खुद को समृद्ध किया है, अपने मुंह से चांदी के चम्मच को निकाल कर इतना खोला कि उसमें उनका अश्वेत लोगों और सफलता को लेकर नस्लवादी अलंकार के साथ उनका पैर समा जाए.
यह मौजूदा स्थिति का फ्लेवर है, और उम्मीद है कि 3 नवंबर के फाइनल से पहले बचे चंद दिनों में और कड़वाहट आएगी.
(वाशिंगटन से सीमा सिरोही की रिपोर्ट)