करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत 23 अक्टूबर को एग्रीमेंट साइन करेगा. भारत के विरोध के बावजूद कॉरिडोर के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान तीर्थयात्रियों से शुल्क लेगा. तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत ने एग्रीमेंट पर साइन करने का फैसला लिया है.
करतारपुर कॉरिडोर के लिए तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण जारी है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था 5 नवंबर और दूसरा जत्था 6 नवंबर को रवाना होगा. करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रद्धालुओं को पाकिस्तान द्वारा वीजा फ्री एक्सेस देने के लिए 23 अक्टूबर को एग्रीमेंट साइन करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है.
MEA: In view of the long pending demand of pilgrims to have visa free access to Gurudwara Kartarpur Sahib& in the interest of operationalisation of Kartarpur Corridor in time before 12 Nov, Govt conveys that we would be ready to sign Agreement on Kartarpur Sahib Corridor on 23Oct pic.twitter.com/TXiq9vgYUx
— ANI (@ANI) October 21, 2019
आस्था के साथ कारोबार कर रहा है पाकिस्तान
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सोमवार को करतारपुर सेवा शुल्क को लेकर पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं 20 रुपये प्रति डॉलर शुल्क लगाना ठीक नहीं है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आस्था के साथ कारोबार किया है.
भारत ने दी थी पुनर्विचार की सलाह
दोनों देशों के बीच पिछले महीने बैठक के तीसरे दौर में भारत ने 20 डॉलर सेवा शुल्क के मामले पर पाकिस्तान के लगातार अड़े रहने पर निराशा जताई थी और इस पर पुनर्विचार करने का कहा था.