70 साल के इंतजार के बाद आखिरकार करतारपुर साहिब कॉरिडोर की नींव पड़ ही गई है. पहले भारत और आज पाकिस्तान में इस कॉरिडोर का शिलान्यास हुआ. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी नींव रखी, इस दौरान भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कॉरिडोर के जरिए संदेश तो शांति और भाईचारे का दिया जा रहा है, लेकिन मंच से इमरान खान ने एक बार फिर दोनों मुल्कों में जंग और कश्मीर का मुद्दा उठाया.
करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में एक क्रेडिट वॉर भी दिखी, जो भारत-पाकिस्तान और नवजोत सिद्धू-हरसिमरत के बीच लड़ी गई. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने मंच से सिद्धू की जमकर तारीफ भी की.
इमरान बोले- दोनों मुल्कों से हुईं गलतियां
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कार्यक्रम में कहा कि मैंने जो सिख समुदाय में खुशी देखी वो अगर मैं मुसलमान को समझाऊं कि जैसे मुस्लिम मदीना से 4KM दूर खड़े हैं और वो उसपार जा नहीं पाए. लेकिन अब ये सपना पूरा हुआ है, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं. अगले साल जब आप यहां आएंगे तो आपको खुशी होगी.
'सियासत में होते हैं दो तरह के लोग'
इमरान ने कहा कि मुझे इनका क्रिकेट और कमेंट्री याद है, लेकिन वो सूफी कलाम में इतने महारथी हैं वो जानकार काफी हैरान हूं. उन्होंने कहा कि मैंने 21 साल क्रिकेट खेली और 22 साल सियासत की. क्रिकेट के समय में मैं दो तरह के खिलाड़ियों से मिला, एक वो था जो हमेशा मैदान पर हारने से डरता था इसलिए वो कोई रिस्क नहीं लेता था और वो दूसरा खिलाड़ी हमेशा जीतने की सोचता था, हारने से नहीं डरता था. और हमेशा दूसरा खिलाड़ी ही चैंपियन बनता था, हारने से डरने वाला खिलाड़ी कभी बड़ा नहीं बनता.
'कब टूटेगी जंजीर'
इमरान खान ने कहा कि जब मैं सियासत में आया तो ऐसे लोग से मिला जो बस अपने लिए ही काम करते थे, आवाम को भूल जाते थे. एक दूसरे किस्म का राजनेता है तो नफरतों के नाम पर नहीं बल्कि काम के नाम पर राजनीति करता था. उन्होंने कहा कि आज जहां पाकिस्तान-हिंदुस्तान खड़ा है, 70 साल से ऐसा ही हो रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों तरफ गलतियां हुईं लेकिन हम जबतक आगे नहीं बढ़ेंगे तो जंजीर नहीं टूटेगी.
'फ्रांस-जर्मनी एक साथ तो भारत-PAK क्यों नहीं'
उन्होंने कहा कि हम एक कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे हट जाते हैं, ये ताकत नहीं आई है कि कुछ भी हो हम रिश्ते ठीक करेंगे. अगर फ्रांस-जर्मनी एक साथ आ सकते हैं, तो फिर पाकिस्तान-हिंदुस्तान भी ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमने भी एक-दूसरे के लोग मारे हैं, लेकिन फिर भी सब भूला जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमेशा कहा जाता था कि पाकिस्तान की फौज दोस्ती नहीं होने देगी, लेकिन आज हमारी पार्टी-पीएम-फौज एक साथ हैं.
'दोनों देशों के बीच कश्मीर का मसला'
उन्होंने कहा कि हमारा मसला सिर्फ कश्मीर का है, इंसान चांद पर पहुंच चुका है लेकिन हम एक मसला हल नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये मसला जरूर हल हो जाएगा, इसके लिए पक्का फैसला जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर हिंदुस्तान एक कदम आगे बढ़ाएगा तो हम दो कदम आगे बढ़ाएंगे.
'दोनों देशों के बीच नहीं हो सकती जंग'
इमरान खान ने कहा कि जब पिछली बार सिद्धू वापस गए तो इनकी काफी आलोचना हुई, लेकिन एक इंसान जो शांति का पैगाम लेकर आया है वो क्या जुर्म कर रहा है. हमारे दोनों के पास एटमी हथियार है, तो इनके बीच जंग हो ही नहीं सकती है. दोनों देशों के बीच जंग का सोचना पागलपन है.
उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू पाकिस्तान में चुनाव लड़ लें तो वो जीत सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम सिद्धू के प्रधानमंत्री बनने का इंतजार ना करना पड़े. हम चाहते हैं कि दोनों मुल्कों के बीच में अमन हो.
नवजोत सिंह सिद्धू ने लूटा माहौल
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू बोले कि हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे. उन्होंने कहा कि मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे. सिद्धू ने कहा कि सभी को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, तभी शांति कायम होगी. उन्होंने कहा कि अब खून-खराबा बंद होना चाहिए, दोस्ती का पैगाम आगे बढ़ना चाहिए. अब तक बहुत नुकसान हो गया है.
सिद्धू ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर दोनों देशों के लोगों के बीच में संपर्क बढ़ाएगा, जो संपर्क टूटा हुआ था वो अब दोबारा जुड़ रहा है. जब भी करतारपुर कॉरिडोर का इतिहास लिखा जाएगा तो इमरान खान का नाम पहले पन्ने पर लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि बंटवारे के दौरान दो पंजाब टूट गए थे, आज इमरान जैसी कोई चाबी आनी चाहिए कि इन्हें जोड़ना चाहिए.
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू छाए रहे. हर वक्ता, हर वीडियो में नवजोत सिंह सिद्धू की जमकर तारीफ की गई और सिद्धू को शांति का प्रतीक बताया.
भाषण देते वक्त भावुक हुईं हरसिमरत बादल
हरसिमरत कौर बादल ने इस कार्यक्रम में कहा कि आज हमारी कौम के लिए ऐतिहासिक दिन है, हर सिख की यही मांग थी. जो 70 साल नहीं हो पाया, वो अब पूरा हुआ है. जिसके हाथ में सेवा लिखी थी, उसी के हाथों ये काम पूरा हुआ है. गुरु नानक साहब ने अपना आखिरी समय आपकी धरती पर बिताया, लेकिन 4 किमी. का ये फासला पूरा करने में 70 साल लग गए.
उन्होंने कहा कि यहां मेरा कोई दोस्त, कोई जानने वाला नहीं लेकिन एक सिख होने के नाते मेरी अरदास पूरी हुई है. हरसिमरत बादल अपनी बात कहते हुए भावुक हुईं. हमारी पार्टी 7 महीने से इस मांग को पूरा करने में लगे थे, हमारी कैबिनेट ने इसका फैसला लिया और आज ये सपना पूरा हो रहा है. उन्होंने कहा कि जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है तो भारत-पाकिस्तान के बीच की नफरत क्यों नहीं दूर हो सकती है.
उन्होंने कहा कि आप भी गुरु नानक साहब के नाम पर सिक्का चलाएं, धार्मिक स्थलों के लिए ट्रेन चलाएं और करतारपुर का विकास करें.
'PAK के फैसले की दुनिया की तारीफ'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस कार्यक्रम में कहा कि आज का दिन भारत और पाकिस्तान के इतिहास में काफी अहम है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने जो फैसला किया है वह राजनीति से प्रेरित नहीं है. पाकिस्तान के इस फैसले की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है. उन्होंने कहा कि हम ये फैसला काफी समय से लेना चाहते थे, लेकिन भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के कारण ये फैसला नहीं हो सका.
PAK ने दिया धोखा!
शांति का प्रतीक माने जा रहे इस कार्यक्रम में पाकिस्तान ने एक बार फिर धोखा देने का काम किया है. कॉरिडोर के शिलान्यास में खालिस्तानी समर्थक गोपाल चावला भी मौजूद रहा. चावला ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर बाजवा से मुलाकात की.
Pakistan PM Imran Khan, Pakistan Army Chief General Qamar Javed Bajwa, Union Ministers Harsimrat Kaur Badal, Hardeep Singh Puri and Navjot Singh Sidhu at the ground-breaking ceremony of #KartarpurCorridor in Pakistan. pic.twitter.com/x9JhFLWZ1t
— ANI (@ANI) November 28, 2018
COAS will be at Kartarpura today for ground breaking ceremony of #KartarpuraCorridor
— Maj Gen Asif Ghafoor (@OfficialDGISPR) November 28, 2018
इस बीच सिद्धू ने ट्वीट कर दोनों देशों के बीच नए रिश्तों की शुरुआत की उम्मीद की.
Today marks a pilgrimage away from the hate and greed of politics, and towards a relationship built upon the dreams, aspirations and spiritual quest of the common people. Today marks the first steps towards a people's foreign policy. Sharing a light moment #KartarpurBorderOpening pic.twitter.com/YKo2aCKo37
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 28, 2018
सुषमा-अमरिंदर ने किया इनकार
नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को ही पाकिस्तान पहुंच गए. हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अलग-अलग कारणों से करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया था. जबकि सिद्धू ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी. इस कॉरिडोर के जरिए सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब आसानी से जा सकेंगे. यह गुरुद्वारा सिखों के लिए बड़ा महत्व रखता है क्योंकि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 18 साल यहां गुजारे थे.
दूसरी ओर, करतारपुर साहिब गलियारे की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम के लिए कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने के फैसले की आलोचनाओं के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी से इस पर फिर से विचार करने को कहा था.
उन्होंने कहा कि उन्होंने अनुमति के लिए सिद्धू का अनुरोध इसलिए स्वीकार कर लिया क्योंकि वह किसी को ‘निजी यात्रा’करने से मना नहीं कर सकते हैं. अमरिंदर ने कहा, 'सिद्धू ने मुझे बताया कि वह पहले ही जाने का वादा कर चुके हैं. जब मैंने उन्हें इस मुद्दे पर अपने रुख से अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत यात्रा है, लेकिन वह मुझसे बात करेंगे, लेकिन अभी तक मेरी उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है.'