भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर जंग जैसा माहौल बन रहा है, इसी बीच जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद ने भारत को धमकी दी है कि अगर वो कश्मीर में अमन और चैन चाहता है तो इसे छोड़ दे.
हाफिज सईद ने ट्वीट किया, 'कश्मीर हमारी रगों में लहू की तरह दौड़ रहा है और हम कभी इसे भारत की दया का मोहताज नहीं होने देंगे.' उसने एक और ट्वीट में लिखा, 'पूरा पाकिस्तान कश्मीर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. अगर भारत कश्मीर में अमन और चैन चाहता है तो इसे छोड़ दे.' इतना ही नहीं सईद ने लिखा, 'भारतीय सेना पिछले 66 साल से कश्मीरियों पर आत्याचार कर रही है, लेकिन अभी तक यहां के लोगों की आजादी की आवाज को शांत कराने में पूरी तरह से विफल रही है.'
हाफिज ने ट्वीट किया, 'कश्मीरियों की इस लड़ाई में पाकिस्तान को उसकी पूरी मदद करनी चाहिए. पाकिस्तान को 'कश्मीर नीति' की घोषणा करनी चाहिए.'
हाफिज सईद के मुताबिक, 'पाकिस्तान को कूटनीति साधनों के माध्यम से कश्मीरियों पर हो रहे अत्याचार को दुनिया के सामने लाना चाहिए. भारतीय सेना का अत्याचार लंबे समय तक नहीं चलेगा. आजादी कश्मीर की किस्मत में है. इंशा अल्लाह!'
हाफिज सईद ने ट्वीट किया, 'लगातार शहीदों और निहत्थे कश्मीरियों के बलिदान के चलते यह संघर्ष अभी तक जारी है. यह बेकार नहीं जाएगा.'
'मुझ पर कार्रवाई के लिए PAK पर दबाव डाल रहा है अमेरिका'
हाफिज सईद ने दावा किया था कि अमेरिका मांग कर रहा है कि पाकिस्तान सरकार को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि वह अमेरिकी ड्रोन हमलों का विरोध करता रहा है. सईद ने कहा, ‘अमेरिका जेयूडी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है क्योंकि मैं ड्रोन हमलों के खिलाफ अपनी आवाज उठाता रहा हूं. अगर यह मेरा अपराध है तो मैं यह करता रहूंगा.’ प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने दावा किया है कि अमेरिका ‘भारत की भाषा बोल रहा है.’
पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के समय हालांकि लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन 2008 के मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान अधिकारियों ने जेयूडी को केवल ‘निगरानी सूची’ में ही डाला है. सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. उस पर मुंबई में हमले की साजिश रचने का आरोप है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को वाशिंगटन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भेंट के दौरान जेयूडी और सईद की गतिविधियों का मुद्दा उठाया था. उसने कहा, ‘लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि हम किसी बंदिश या प्रतिबंध से डरने वाले नहीं हैं.’ उसने यह भी आरोप लगाया कि अपनी कमजोरियों के कारण पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.