नेपाल की राजधानी काठमांडू में फिल्म आदिपुरुष पर बैन लगाकर पूरे भारत के अंदर चर्चा में आए मेयर बालेन साह ने अब चीन की यात्रा रद्द कर दी है. उनके इस कदम के पीछे कहीं ना कहीं भारत का नाम भी जुड़ा हुआ है. बालेन एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन समारोह में भाग लेने चीन जा रहे थे.
यात्रा रद्द करने के की वजह बताते हुए बालेन साह ने सोशल मीडिया पर लिखा,'चीन के नया नक्शा जारी करने के बाद यात्रा रद्द करने का फैसला लिया है. इस नक्शे में लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख क्षेत्रों को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है. जबकि नेपाल इन्हें अपना हिस्सा मानता है. हम नेपाल से पूछे बिना नेपाली क्षेत्र को भारत का दिखाने को हमारी संवेदनशीलता के खिलाफ गलत कदम मानते हैं. इसलिए अपनी नैतिकता के मुताबिक मैंने चीन के निमंत्रण पर 5 दिवसीय यात्रा पर नहीं जाने का फैसला किया है.'
उप महापौर भी पहुंची थीं कार्यक्रम में
हालांकि, काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के प्रवक्ता नवीन मनंधर ने यात्रा रद्द होने का कारण निजी बताया है. जिस कार्यक्रम के समापन पर भाग लेने के लिए बालेन चीन जा रहे थे, उसके उद्घाटन में काठमांडू की उप महापौर सुनीता डांगोल पहुंची थीं. हालांकि, वह पहले ही चीन से लौट आई थीं.
2020 में प्रकाशित किया विवादित नक्शा
बता दें कि नेपाल की तरफ से 2020 में एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित करने के बाद भारत और नेपाल के बीच संबंधों में गंभीर तनाव देखने को मिला था. इस नक्शे में भारत के तीन इलाकों लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था. उस साल ही तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को अपडेट करने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें संसद से मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटों बाद नेपाल के नक्शे में तीनों क्षेत्रों को शामिल कर लिया गया था. भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे 'एकतरफा कृत्य' बताया था.
हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर लगा दी थी रोक
बालेन साह वही महापौर हैं, जिन्होंने विवादित फिल्म 'आदिपुरुष' के बहाने सभी हिन्दी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. हालांकि, काठमांडू के मेयर के तुगलकी फरमान का नेपाल सरकार में ही विरोध शुरू हो गया था. मेयर बालेन साह के निर्देश पर नेपाल सरकार की तरफ से सूचना-संचार मंत्रालय ने अपनी गंभीर आपत्ति दर्ज कराई थी. मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर आदिपुरुष सहित सभी फिल्मों के प्रदर्शन पर किसी प्रकार का रोक लगाए जाने को गैर कानूनी बताया गया था.