ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा लगातार भारतीय समुदाय के लोगों, उनके मंदिरों तथा कार्यक्रमों को निशाना बनाया जा रहा है. ताजा मामला एडिलेड से आया है जहां खालिस्तानी समर्थकों ने फिर से उत्पात मचाया है. 'पंजाब ऑस्ट्रेलियाई एसोसिएशन ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया इंक' नाम के संगठन द्वारा वैसाखी मेला आयोजित किया गया था जिसमें भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी मनीष गुप्ता मुख्य अतिथि थे. इससे पहले ही खालिस्तानी समर्थकों ने आयोजन स्थल के बाहर माहौल खराब करना शुरू कर दिया.
खालिस्तानी समर्थकों की हरकत
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक 'वैसाखी मेला' आयोजित करने के लिए कट्टरपंथी संगठनों द्वारा ऑस्ट्रेलिया के एक हिंदू-सिख जोड़े को कथित रूप से परेशान किया गया. हरमीत कौर और राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया है कि मेला आयोजित करने के लिए खालसा एड द्वारा उनके साथ मारपीट की गई और उनके सामान को तोड़ा गया. इस दौरा उन्हें सोशल मीडिया पर भी खालिस्तानी समर्थकों द्वारा धमकियां दी गईं.
मार्च के मध्य में ही ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास को जबरन बंद करवा दिया था.इसके अलावा फरवरी महीने में भी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के पास खालिस्तानी झंडा लगा दिया गया था.
बार-बार निशाना बन रहे हैं हिंदू मंदिर
1- इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में पिछले तीन महीनों के दौरान चार से अधिक बार हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है. मार्च महीने की शुरूआत में ब्रिस्बेन में खालिस्तानी समर्थकों ने प्रमुख हिंदू मंदिर को निशाना बनाते हुए यहां तोड़फोड़ की.
2- इससे पहले 23 जनवरी को मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में स्थित प्रतिष्ठित इस्कॉन मंदिर की दीवारों को भारत विरोधी नारे लिखे गए और वहां बनी आकृतियों को तोड़ दिया गया.
3- 16 जनवरी को को कैरम डाउन्स, विक्टोरिया में ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर में भी इसी तरह की तोड़फोड़ की गई थी.
4- इसी तरह की एक घटना 12 जनवरी को मेलबर्न में हुई जहां स्वामीनारायण मंदिर में असामाजिक तत्वों द्वारा भारत विरोधी नारों के साथ आकृतियां बनाई गईं.
पिछले महीने जब ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बानीज भारत दौरे पर आए थे तो द्विपीक्षीय मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठाया था. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को भारतीय समुदाय और हिंदू मंदिरों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया था.