माले स्थित भारतीय उच्चायोग में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के शरण लेने के बाद पैदा हुई ‘असामन्य स्थिति’ के समाधान के प्रयास के तहत गुरुवार को विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने मालदीव के अपने समकक्ष से ‘अच्छी, बहुत उपयोगी और लंबी’ बातचीत की.
खुर्शीद ने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल समद अब्दुल्ला को फोन किया और उनसे करीब 40 मिनट तक बातचीत की. वह फिर उनसे बातचीत कर सकते हैं. उधर, 45 साल के नशीद भारतीय उच्चायोग में शरण लिए हुए हैं. उन्होंने कल गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उच्चायोग में शरण ली थी.
खुर्शीद ने कहा, ‘मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई. 14 फरवरी को जो स्थिति है उसके बारे में हमने विस्तार से बातचीत की. हमारी बातचीत अभी चलने वाली है.’ खुर्शीद ने कहा, ‘‘हो सकता है कि मैं आज ही फिर उनसे बातचीत करूं. हम जमीनी आधार पर काम कर रहे हैं. मुझे आशा है कि हम मौजूदा स्थिति के ऐसे हल पर पहुंच सकते हैं जो सभी के लिए संतोषजनक हो. लेकिन अब भी यह जारी प्रकिया है. दोनों पक्षों ने पूरी परिस्थिति को अच्छी तरह समझ लिया है.’
उधर, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया जताई है. उसने भारत पर उसके लोकतांत्रिक प्रतिष्ठानों को कमजोर करने का आरोप लगाया है. इस पर खुर्शीद ने कहा, ‘हमने हर पहलू पर चर्चा की. दुर्भाग्य से ऐसी खबरें गयीं जो अप्रमाणित हैं और जो इन बातों पर सत्य रिपोर्ट नहीं है कि दोनों पक्ष कैसे स्थिति के सिलसिले में आगे बढ़ रहे हैं। वाकई, यह एक ऐसी स्थिति है जो असामान्य है.’
खुर्शीद से जब यह पूछा गया कि क्या नशीद माले में भारतीय उच्चायोग में दूसरी रात भी बितायेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘जरूरत पड़ने पर मैं आपसे जानकारी साझा करूंगा, मैं आपको और जानकारी दूंगा.’
उधर, भारतीय उच्चायोग में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मांग की है कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए.
नशीद ने अपनी पार्टी मालदीवियन डेमोकेट्रिक पार्टी की वेबसाइट पर एक वक्तव्य में कहा, ‘पिछले साल की घटनाएं, सामूहिक गिरफ्तारी, पुलिस की बर्बरता, राजनीति से प्रेरित मुकदमे दर्शाते हैं कि डा. वहीद पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए विश्वास नहीं किया जा सकता.’ नशीद ने कहा, ‘वहीद को सही काम करना चाहिए और पद से इस्तीफा देना चाहिए. एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार स्थापित की जानी चाहिए जो मालदीव को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों की ओर ले जा सकता है जिसमें सभी उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे.’ उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि उनके मामले की सुनवाई के लिए गठित हुलहुमेल मजिस्ट्रेट अदालत अवैध है और ‘इसका गठन मुझे राष्ट्रपति चुनाव में अयोग्य ठहराने के एकमात्र उद्देश्य से किया गया है.’