खुफिया सूत्रों के मुताबिक, हैप्पी और उसकी प्रेमिका के परिवार वालों के बीच उसकी मौत से तीन हफ्ते पहले भी झड़प हुई थी. हैप्पी की प्रेमिका के पति और परिवार वालों ने उसे महिला से दोबारा न मिलने की हिदायत दी थी लेकिन उसका हैप्पी और उसकी प्रेमिका पर कोई असर नहीं हुआ. सूत्रों के मुताबिक 27 जनवरी की रात जब हैप्पी अपनी प्रेमिका से मिलकर लौटा था तो महिला के परिवार वालों ने उसे सरेआम गोली से उड़ा दिया था.
भारतीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक, हैप्पी की प्रेमिका पाकिस्तान के एक कुख्यात ड्रग तस्कर की करीबी रिश्तेदार है. हैप्पी का उसके घर आना जाना था. उस महिला और हैप्पी की जान-पहचान होने के बाद दोनों के बीच अवैध संबंध बने थे. खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के मुखिया की सरेआम हत्या हो जाने के बाद भी लाहौर पुलिस ने अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है.
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गुपचुप तरीके से पुलिस ने किया शवदाह
लाहौर पुलिस ने 29 जनवरी को गुपचुप लाहौर के बाबू-साबू चौक स्थित शवदाह गृह में हैप्पी का संस्कार भी कर दिया. इस मौके पर लाहौर पुलिस का एक सीनियर अधिकारी भी मौजूद था. दरअसल पाकिस्तान सरकार इस मामले को दबाना चाहती है जिससे भारत को यह कहने का मौका ना मिले कि हरमीत उर्फ हैप्पी पीएचडी पाकिस्तान में बैठकर नशीले पदार्थों और आतंकवाद का अड्डा चला रहा था.
पाकिस्तान कश्मीर सहित पंजाब में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरों से बचने के लिए वह अपने देश में खालिस्तानी और दूसरे आतंकवादियों की उपस्थिति जाहिर नहीं होने देना चाहता. हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी पीएचडी खालिस्तान के उन मोस्ट वांटेड 15 आतंकवादियों में शामिल था , जिसकी पंजाब पुलिस को कई मामलों में तलाश थी.
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संघ नेताओं की हत्या की रची थी साजिश
हैप्पी पर पंजाब के आधा दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप था. इसके अलावा कई स्थानीय नेताओं की हत्या की साजिश का आरोप उस पर था. हरमीत सिंह पढ़ा-लिखा था और साल 2008 में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में जूनियर रिसर्च फेलो के तौर पर काम कर रहा था. उसके बाद वह खालिस्तानी आतंकवादियों से मिल गया और पुलिस को चकमा दे कर पाकिस्तान भाग गया था.