रूस ने आरोप लगाया है कि उनके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आवास पर यूक्रेन ने ड्रोन से हमला करवाया. हमला बेअसर हो चुका और ड्रोन्स को मार भी गिराया गया. इस बीच बात हो रही है कि रूसी राष्ट्रपति का घर क्रेमलिन दुनिया में शायद सबसे ज्यादा तगड़ी सुरक्षा पाता है. यहां तक कि इसके आसपास कई खुफिया बंकर और ऐसी जगहें हैं, जहां किसी भी तरह के हमले से बचा जा सकता है.
यूक्रेन पर हत्या की साजिश का आरोप
रूस-यूक्रेन में जंग छिड़ने के बाद से लगातार ऐसी खबरें आती रहीं कि रूस ने यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में कैसी तबाही मचाई. लेकिन पहली बार ये बात चर्चा में है कि अब रूस भी खुद पर हमले की शिकायत कर रहा है. कथित तौर पर उसके राष्ट्रपति आवास क्रेमलिन पर बुधवार को ड्रोन अटैक की कोशिश की गई. रूस का आरोप है कि यूक्रेन ने ऐसा करवाया. इधर यूक्रेन इससे इनकार कर रहा है. वैसे क्रेमलिन पर असल हमला बेहद मुश्किल, बल्कि लगभग नामुमकिन है. मॉस्को स्थित इस जगह के चारों ओर ऐसी सुरक्षा है, जिसमें सेंध नहीं लगाई जा सकती.
कितना लंबा-चौड़ा है क्रेमलिन
क्रेमलिन का इमारतों वाला एरिया लगभग 67 एकड़ तक फैला हुआ है. लेकिन इसके आसपास का पूरा कॉम्प्लेक्स मिलाकर ये प्रॉपर्टी लगभग 170 एकड़ में है. आवास की दीवारें काफी ऊंची हैं और कहीं-कहीं इसकी ऊंचाई 60 फीट से भी ज्यादा है. ये वो हिस्से हो सकते हैं, जहां पुतिन मौजूद रहते हों. लाल ईंट से बनी इन दीवारों की कई लेयर्स हैं. फिलहाल ये तो पता नहीं लग सका कि क्या दीवारों के भीतर करंट दौड़ता है, लेकिन इतना तय है कि इन्हें पार करके जा सकना आसान नहीं.
इस तरह की है सुरक्षा
माना जाता है कि इसके हर कोने में कैमरा लगे हुए हैं और कुल मिलाकर हजारों कैमरे इस किलेनुमा आवाज में इंस्टॉल्ड हैं. सर्विलांस के लिए जगह-जगह सेंसर, फेस रिकॉगनिशन सिस्टम, बायोमैट्रिक स्कैनर और वो सारे तामझाम हैं, जो किसी जगह को बेहद सेफ बना सकें. इस सिक्योरिटी को देखने के लिए गार्ड्स की अलग-अलग टीमें हैं, जो सिर्फ एक तकनीक वाली चीज पर नजर रखती हैं. हालांकि क्रेमलिन की सेफ्टी एक क्लासिफाइड जानकारी है, जो पब्लिक डोमेन में नहीं है.
चारों तरफ खुफिया बंकर
पूरे रूस में कई बंकर्स हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे परमाणु हमले को भी फेल कर सकते हैं. इन्हें मैट्रो 2 सिस्टम कहा जाता है. कहा जाता है कि ये शीत युद्ध के दौरान बने थे. सबसे पहले साल 1990 में रूसी रक्षा पत्रकार विक्टर सवेरेव ने इसका पता लगाया, जिसके बाद से एक के बाद एक कई राज खुले.
मैट्रो 2 सिस्टम में बंकर ही नहीं, अंडरग्राउंड गाड़ियां भी हैं, जो सीधे क्रेमलिन से जुड़ी हुई हैं. इस बारे में साल 2010 में रशियन स्ट्रेटजिक रॉकेट फोर्स के पूर्व अधिकारियों ने बयान दिया था कि ये रीयल हैं और ऐसे बंकर हैं, जिनके बारे में कोई देश सोच भी नहीं सकता.
COG यानी वो बंकर जो खास राष्ट्रपति के लिए हैं
एक और सुविधा भी है, जो खास राष्ट्रपति और उनके परिवार को सुरक्षा देती है. इसे कंटीन्यूटी ऑफ गवर्नमेंट (COG) कहते हैं. ये अलग तरह के बंकर हैं, जिसमें कथित तौर पर इतनी जगह है कि आराम से सालभर का राशन, दवा, पानी सबकुछ स्टोर हो सके. इसमें कॉन्फ्रेंस रूम, बेडरूम सारी सुविधाएं हैं और ये टनल से जुड़ती हैं ताकि बंकर में रहते राष्ट्रपति को यहां से वहां शिफ्ट भी किया जा सके. हालांकि COG के बारे में इंटरनेशनल मीडिया में बात तो खूब होती है, लेकिन ये क्रेमलिन से कितने मीटर या किलोमीटर दूर स्थित है, ये किसी को नहीं पता.
क्या कभी कोई पहुंच सका क्रेमलिन के भीतर?
वैसे तो रूसी राष्ट्रपति के इस आवास को दुनिया में सबसे सुरक्षित सरकारी इमारत माना जाता है, लेकिन तब भी इसकी सेफ्टी में सेंध लग चुकी है. साल 2005 में रूसी शख्स अलेक्जेंडर शापोवेलोव क्रेमलिन कैंपस की बाहरी दीवार पर चढ़ते हुए एक इमारत की छत तक पहुंच गया था. कुछ ही मिनटों के भीतर उसे पकड़ लिया गया. कहा गया कि उसने नशे की हालत में ऐसा किया था, लेकिन फिर उस शख्स की कोई खबर मीडिया में नहीं आई.
साल 2018 में रॉक बैंड पूसी रायट्स के सदस्य चकमा देकर क्रेमलिन के भीतर आ गए और वहां के एक चर्च में परफॉर्मेंस देने लगे. तुरंत ही उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया गया. कहा जाता है कि वे सरकार के विरोध में प्रदर्शन करना चाहते थे.
ये खास विंग देती है पुतिन को सुरक्षा
व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा में लगे जवानों की एक पूरी बॉडी है, जिसे फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस (FPS) कहते हैं. इसमें हजारों की संख्या में कमांडो होते हैं, लेकिन पुतिन की सुरक्षा के लिए इसमें से भी क्रीम लेयर को छांटकर अलग रखा गया. ये लगभग हर तरह का हथियार चलाने में माहिर होते हैं, साथ ही ऑपरेशनल साइकोलॉजी आती है, यानी जो खतरा किसी को भी न दिख रहा हो, उसे ताड़ जाना और खत्म कर देना.
इन कामों में माहिर होते हैं गार्ड्स
इन गार्ड्स को कोई दो विदेशी भाषाएं भी आनी चाहिए, साथ ही पॉलिटिक्स की समझ भी जरूरी है. इसे एक उदाहरण से समझते हैं- बीते साल आयरलैंड के मार्शल आर्टिस्ट कोनोर मैकग्रेगर ने पुतिन से मुलाकात के दौरान उनके कंधे पर हाथ रख दिया. स्पोर्ट्स की दुनिया में ये दोस्ताना तरीका है, लेकिन पुतिन जैसे बेहद ताकतवर शख्स को शायद ये उतना पसंद न आया हो. पुतिन ने विरोध नहीं किया, लेकिन उनके गार्ड्स ने तुरंत हाथ हटवा दिया.
ठंड में भी हल्की यूनिफॉर्म पहनने की ट्रेनिंग
रूस की सरकार इस बारे में काफी गोपनीयता रखती है इसलिए ज्यादातर चीजों का अनुमान ही लगाया जाता है, लेकिन माना जाता है कि ये गार्ड्स इतने ताकतवर होते हैं कि माइनस डिग्री में भी हल्का कोट पहनकर आराम से काम करते हैं. सर्दियों में जमे हुए रूस में अक्सर ये नजारा दिख जाता है. एक दिलचस्प बात ये है कि पुतिन की सुरक्षा में रहते हुए भी इन्हें स्मोक करने की छूट रहती है, जो कि आम नेताओं के कमांडोज को नहीं.