पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में जारी बहस का आज आखिरी दिन है. पाकिस्तान अपनी दलील दे रहा है. पाकिस्तान की ओर से अनवर मंसूर खान ने पुलवामा आतंकी हमला और कठुआ रेप का मामला उठाया. मंसूर खान ने कहा कि भारत बिना किसी जांच के खुद को पुलवामा हमले का पीड़ित बता रहा है. पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी संलिप्ता के उसके (भारत के) दावे के सबूत मांगे हैं, लेकिन भारत के पास कोई जवाब नहीं है.
अनवर मंसूर खान ने कहा कि उन्हें एक अधिकारी चुनने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने इनडोर रक्षा वकील को चुना. यदि वह न्यायिक समीक्षा के क्षेत्र में प्रवेश करने का विकल्प चुनते है तो उसके पास उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील का विकल्प होगा. मैं पाकिस्तान बार एसोसिएशन का अध्यक्ष हूं. लाहौर बार काउंसिल की तरह पाकिस्तान बार काउंसिल का कोई संकल्प नहीं है. पाकिस्तान बार काउंसिल पाकिस्तान का सर्वोच्च निकाय है. भारत राहत चाहता है जो नहीं दी जा सकती है.
पाकिस्तान के वकील खरवार कुरैशी ने मौखिक तर्कों को रखने के दूसरे दौर के दौरान तर्क दिया कि भारत ने तर्कों का जवाब नहीं दिया. कुरैशी ने यह भी दावा किया कि कॉन्सुलर एक्सेस पर भारत 2008 के द्विपक्षीय समझौते का गलत इस्तेमाल कर रहा था और यह "भारत के लिए पाकिस्तान की सैन्य अदालतों को नापसंद करने के लिए गलत था", जो सिविल अदालतों के समान प्रक्रिया और मानक हैं. भारत ने पहले ही कहा है कि जाधव के मामले में 2008 के समझौते को लागू नहीं किया जा सकता है और यह मामला कंज्यूमर रिलेशंस पर वियना कन्वेंशन के अनुसार तय किया जाना चाहिए.
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तान के तदर्थ जज तस्सदुक हुसैन जिलानी गुरुवार को वापस कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई में शामिल हुए. हाल ही में जिलानी को दिल का दौरा पड़ा था. आईसीजे के शीर्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कहा कि जिलानी ने तदर्थ जज के रूप में शपथ लिया. सुनवाई के चौथे दिन कार्यवाही शुरू होने से पहले वह शामिल हुए.पाकिस्तान ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान जिलानी की बीमारी का हवाला देते हुए आईसीजे से मामला स्थगित करने और उनके स्थान पर किसी अन्य जज को लेने का अनुरोध किया था. हालांकि, बुधवार को आईसीजे ने कहा कि उसे ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि पाकिस्तान के तदर्थ जज अपना कर्तव्य पूरा करने के इच्छुक नहीं हैं.
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के अधिकारी रह चुके कुलभूषण जाधव को जासूसी के मामले में पाकिस्तान स्थित मिलिटरी कोर्ट ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ भारत ने मई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी.