पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) पार्टी की पिछली सरकार ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले को गलत तरीके से हैंडल किया. जाधव 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. कुरैशी ने यह भी कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने जो आदेश दे रखा है, पाकिस्तान उसका पालन कर रहा है.
डॉन वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी मुल्तान में एक पार्क का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. रिपोर्ट में कुरैशी के हवाले से कहा गया, ''हमने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के निर्देश लागू किए हैं. भारत चाहता है कि पाकिस्तान जाधव को काउंसलर ऐक्सेस की इजाजत न दे जिससे कि उसे ICJ के पास फिर जाने का मौका मिल जाए. पाकिस्तान के विपक्ष को इस मामले में बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. इससे भारत का स्टैंड मजबूत होता है.''
कुरैशी ICJ (समीक्षा और पुनर्विचार) बिल, 2020 का हवाला दे रहे थे जिसे पाकिस्तानी संसद ने गुरुवार को पास किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि जो कोई भी जवाबदेही की प्रक्रिया से गुजर रहा है, उसे खुद को निर्दोष साबित करने का मौका दिया जाना चाहिए.
बता दें कि पाकिस्तान मे इमरान खान सरकार ने गुरुवार को एक ही दिन में संसद से 21 बिल पास कराए. इनमें से एक बिल पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से संबंधित है. कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का अधिकार मिल गया है.
पाकिस्तान का दावा है कि उसने कुलभूषण जाधव को 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय नौसेना का अधिकारी बताते हुए उन पर जासूसी का आरोप लगाया था. भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव नेवी के एक रिटायर्ड अधिकारी हैं और वे अपने व्यापार के सिलसिले में ईरान गए थे और पाकिस्तान-ईरान सीमा पर उनको अगवा किया गया था.
पाकिस्तान की एक आर्मी कोर्ट ने जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने इस फैसले को मई 2017 में ICJ में चुनौती दी. भारत ने कहा कि जाधव निर्दोष है और उनकी सजा खत्म कर रिहाई के आदेश दिए जाएं. 2019 में ICJ ने सुनवाई के बाद पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वो जाधव को काउंसुलर ऐक्सेस दे और सज़ा पर दोबारा विचार करे.
इस बीच, पाकिस्तान में विपक्ष की ओर से कुलभूषण जाधव को लेकर इमरान सरकार पर 'सॉफ्ट कॉर्नर' रखने के आरोप लगाए जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से कहा जा रहा है कि इमरान सरकार इस मामले में 'भारत की बोली' बोल रही है.