इंटरनेशनल कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर आखिरी आदेश आने तक रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले से पाकिस्तान सहम सा गया है. सरकार से लेकर पाकिस्तानी अवाम के बीच खलबली मची हुई है. अब पाकिस्तानी दलों के नेता और जानकार लोग ये दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार ने सही तरीके से इंटरनेशनल कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रखा. जिसके चलते कोर्ट का फैसला भारत के हक में हुआ.
पाकिस्तान मुस्लिम देश, इसलिए ऐसा हुआ
कुलभूषण पर कोर्ट का फैसला आने के बाद पाकिस्तानी मीडिया में अजीबो-गरीब दावे किए जा रहे हैं. टीवी बहस में कुछ लोगों ने ये तर्क दिया, 'क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम देश है, इसलिए इंटरनेशनल कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया.'
कमजोर थी पाकिस्तान की तैयारी
लंदन में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के वकील राशिद असलम ने डॉन अखबार को बताया कि पाकिस्तान की तैयारी बहुत कमजोर थी. यहां तक की पाकिस्तानी वकीलों ने अपना पक्ष रखने के लिए मिले 90 मिनट के वक्त का भी इस्तेमाल नहीं किया.
राशिद असलम ने कहा है कि, 'पाकिस्तान के पास कोर्ट में पक्ष रखने के लिए 90 मिनट थे, लेकिन हमने 40 मिनट बर्बाद कर दिए. मैं हैरान था कि हमने अपनी दलीलें इतने वक्त में क्यों पूरी कर दीं.'
विपक्षी दल ने ठहराया सरकार को जिम्मेदार
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता और सीनेटर शयरी रहमान ने भी अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया. शयरी के ऑफिस के ट्विटर हैंडल से आईसीजे के फैसले पर ट्वीट किया और नाराजगी जाहिर की. उनके ऑफिस से किए गए ट्वीट में लिखा गया, ' हम वो केस हार गए हैं, जो आसानी से जीता जा सकता था. इसके लिए सिस्टम की अक्षमता और लापरवाही जिम्मेदार है.'
"We lost a case which could have been easily won. The incompetence & negligence of hiring authorities are to be blamed" - Sen. @sherryrehman
— SherryRehman'sOffice (@SRehmanOffice) May 18, 2017
'वकीलों को नहीं है तजुर्बा'
पाकिस्तान के पूर्व अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा कि वो इस फैसले से हैरान हैं. साथ ही उन्होंने इसके लिए पाकिस्तानी वकीलों की गलती मानी. इरफान कादिर ने कहा, 'पाकिस्तान की तरफ से जो वकील केस हैंडल कर रहे हैं, उनके पास तजुर्बा नहीं है. जो दलीलें वकीलों ने इंटरनेशनल कोर्ट में दी, वो बहुत कमजोर थीं.'