श्रीलंका में ईस्टर पर्व के मौके पर हुए बम धमाकों के बाद वहां रहने वाले मुसलमानों के खिलाफ हिंसा छिड़ गई है. कई कस्बों में मस्जिदों और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. इस हिंसा में घायल 45 साल के मुस्लिम शख्स की इलाज के दौरान मौत हो गई है. कई कस्बों में फैल रही इस हिंसा के चलते रविवार को पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया गया है. सरकार के साथ-साथ श्रीलंका के नागरिक भी इस हिंसा के बढ़ने से चिंतित हैं.
मशहूर क्रिकेटर कुमार संगकारा ने इस घटना पर अफसोस जाहिर किया है. संगकारा ने ट्वीट कर लिखा है कि अगर हम हिंसा और नफरत में खुद को धकेल देते हैं तो हम अपना देश खो देते हैं. संगकारा ने श्रीलंका की जनता से एकजुट रहने की अपील करते हुए शांति बरतने के लिए कहा. साथ ही कहा कि शर्मनाक और विभाजनकारी राजनीतिक एजेंडे में न पड़ें और एक दूसरे को सुरक्षित रखें. संगकारा ने कहा कि हम एक राष्ट्र के रूप में ही आगे बढ़ते हैं.
STOP. BREATHE. THINK. OPEN YOUR EYES. If we lose ourselves in violence, racism, thuggery and hatred we lose our country. Unite as Sri Lankans, be peaceful, keep each other safe. Do not give into shameful, divisive political agendas. WE HEAL AND RISE TOGETHER AS ONE NATION
— Kumar Sangakkara (@KumarSanga2) May 14, 2019
बता दें कि ईस्टर पर चर्च में हुए आत्मघाती हमले के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा के लगातार फैलने पर श्रीलंका सरकार ने सोमवार को पूरे देश में छह घंटे के कर्फ्यू का ऐलान किया था, जो सोमवार रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक चलना था. हालांकि, अब श्रीलंका मीडिया के अनुसार बताया जा रहा है कि यह कर्फ्यू बढ़ा दिया गया है.
बता दें कि 21 अप्रैल को हुए आत्मघाती हमले में करीब 253 लोग मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदीरी आईएसआईएस ने ली थी. हालांकि, स्थानीय चरमपंथी संगठनों पर हमले के आरोप लगे थे. इस हमले के बाद श्रीलंका में बुर्के पर भी बैन लगा दिया गया था. अब दंगे भड़कने के बाद सोशल मीडिया पर भी बैन लगा दिया गया है.
श्रीलंका पुलिस का कहना है कि पश्चिम तटीय शहर चिला में एक मुस्लिम दुकानदार के फेसबुक पोस्ट के बाद भीड़ ने हमला कर दिया था. भीड़ द्वारा एक मस्जिद और मुस्लिमों की कुछ दुकानों पर हमला किया गया था. इस हमले में अब तक एक शख्स की मौत हो गई है. जबकि ईस्टर पर तीन गिरजाघरों और तीन लक्जरी होटलों में हुए आत्मघाती हमलों में 253 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इन हमलों के बाद से देश में हिंसा की घटनाएं बढी हैं.