कुवैत के मंगाफ में छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में अब तक 49 लोगों की मौत की खबर है, जिनमें से भारतीयों की संख्या 40 से अधिक है जबकि घायलों की संख्या 50 बताई जा रही है. इसे कुवैत के इतिहास की सबसे भयावह बिल्डिंग फायर बताया जा रहा है. इस हादसे के बाद विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह पीड़ितों का हाल जानने के लिए कुवैत पहुंच गए हैं.
ये आग प्रवासी मजदूरों की एक रिहायशी बिल्डिंग में बुधवार तड़के उस समय लगी, जब अधिकतर लोग सो रहे थे. इस बिल्डिंग में कुल 196 लोग रहते थे, जिन्हें आग लगने के बाद संभलने का मौका भी नहीं मिला. अधिकतर लोगों की दम घुटने से मौत हुई है.
कुवैत अग्निकांड में DNA जांच के बाद चार और भारतीयों की शिनाख्त हुई है. ये चारों केरल के रहने वाले थे.
1) कुवैत अग्निकांड में केरल के पथानामथिट्टा जिले के रहने वाले आकाश एस नायर की भी मौत हुई है. 32 साल का आकाश कुवैत में बीते आठ साल से काम कर रहा था.
2) पथानामथिट्टा के ही 65 साल के चेन्नासेरिल साजू की भी इस अग्निकांड में मौत हुई है. वह 22 सालों से कुवैत में काम कर रहे थे.
3) केरल के इसी इलाके से 23 साल के एक और शख्स आकाश की भी मौत हुई है.
4) केरल के Changanassery में श्रीहरि प्रदीप की भी मौत हो गई है. वह मैकेनिकल इंजीनियर थे. उनके पिता प्रदीप भी कुवैत में काम कर रहे हैं.
इस घटना के बाद विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन कुवैत के लिए रवाना हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने कल शाम पीएम के साथ बैठक की थी. वहां पहुंचते ही स्थिति साफ हो जाएगी. स्थिति ये है कि अधिकतर पीड़ित जल गए हैं. कुछ शव इस कदर जल गए हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है. पीड़ितों की पहचान के लिए DNA जांच चल रही है. जैसे ही शवों की पहचान हो जाएगी, उनके परिजनों को सूचित कर दिया जाएगा और शवों को भारतीय वायुसेना के विमान से स्वदेश लाया जाएगा. हमारे पास कल रात के ताजा आंकड़े हैं, जिसके अनुसार इस हादसे में 48 से 49 लोगों की मौत हुई है, इनमें भारतीयों की संख्या 43 के आसपास है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कुवैत अग्निकांड पर कहा कि मैं कुवैत की बिल्डिंग में लगी आग में 40 से अधिक भारतीयों की मौत की खबर से दुखी हूं. मैं भारी दिल से पीड़ितों के परिवार वालों के प्रति संवेदना जता रहा हूं. मैंने तमिलनाडु कल्याण एवं पुनर्निवास आयोग को ये पता लगाने के निर्देश दिए हैं कि इस घटना में मारे गए लोगों में कितने लोग तमिलनाडु से हैं. सभी घायलों का कुवैत के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय कुवैत में भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं.
वहीं, कुवैत के गृह मंत्रालय का कहना है कि बिल्डिंग मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये कार्रवाई नियम तोड़ने के आरोप में की जाएगी. बिल्डिंग के मालिक और केयरटेकर हेड की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं.
कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल यूसुफ अल सबाह ने इस घटना को बिल्डिंग मालिकों के लालच का नतीजा बताया है. उन्होंने कहा कि यहां जो हुआ, वह मजदूरों को नौकरी देने वाली कंपनी और बिल्डिंग मालिकों के लालच का नतीजा है. रिहाइशी इमारतों में मजदूरों को ठूंसकर रखने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होगी.
कैसे लगी आग?
आधिकारिक तौर पर अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. लेकिन कहा जा रहा है कि आग बिल्डिंग के किचन में लगी थी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई. इस बिल्डिंग को NBTC ग्रुप ने किराए पर लिया था, जहां कंपनी से जुड़े हुए वर्कर्स रहते थे. मृतकों में अधिकतर भारतीय नागरिक हैं, जो केरल, तमिलनाडु और उत्तरी भारत के राज्यों से हैं. इनकी उम्र 20 से 50 साल के बीच बताई जा रही है.
कितने भारतीय रहते हैं कुवैत में?
कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 10 लाख भारतीय इस समय कुवैत में रह रहे हैं. इनमें एक बड़ी संख्या मजदूरों, इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट और टेक्नीशियन हैं.
इसे कुवैत के इतिहास की सबसे भीषण आग बताया जा रहा है. इससे पहले 2009 में कुवैत में एक महिला ने प्रतिशोध के इरादे से एक शादी समारोह में आग लगा दी थी, जिसमें 57 लोगों की मौत हो गई थी.